लगातार ट्रेनों का रद्द होना सरकार की बड़ी विफलता, प्रधानमंत्री व रेल मंत्री को जैन संवेदना ट्रस्ट ने लिखा पत्र
रायपुर
कोरोनाकाल के बाद जब से ट्रेनों का परिचालन आरम्भ हुआ है तब से लगातार भारतीय रेल द्वारा कभी भी अचानक ट्रेनों को रद्द किया जाना चिंताजनक है। जैन संवेदना ट्रस्ट के महेन्द्र कोचर व विजय चोपड़ा ने लगातार ट्रेनों के रद्द होने को सरकार की बड़ी विफलता बताया है। उक्त परिपेक्ष्य में जैन संवेदना ट्रस्ट ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर भारतीय रेलों को अचानक रद्द किए जाने को लेकर सूक्ष्म जांच की मांग की है कि भारतीय रेलों को भविष्य में निजी हाथों में सौपने के किसी षड?ंत्र के तहत रद्द किया जा रहा है क्या?
जैन संवेदना ट्रस्ट के महेन्द्र कोचर व विजय चोपड़ा ने कहा कि विगत एक वर्ष से कभी भी सैकड़ों ट्रेनें रद्द की जा रही है। जबकि उसकी बुकिंग नियत तिथि चार माह पूर्व की जाती है। ट्रेनों के रद्द होने से अनेक यात्री अपने परिजनों के दु:ख सुख में सम्मिलित नही हो पा रहे हैं। बड़ी बीमारी वाले मरीजों को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। अनेक बड़ी बीमारी में बड़े हॉस्पिटल के डॉक्टर के अपॉइंटमेंट में मरीज जांच के लिए नही पहुंच पा रहे हैं। विशेषकर गरीब व मध्यमवर्गीय जनता बहुत प्रताड़ित है। बुकिंग की गई टिकटों में आईआरसीटीसी, बैंकिंग कमीशन व एजेंट के कमीशन का सीधा नुकसान जनता को भुगतना पड़ रहा है। चार माह तक रेलवे टिकट की राशि जाम रहती है। यात्रा में निकलने की पूर्व तैयारी में जो खर्च होता है वह भी व्यर्थ जा रहा है व अतिरिक्त भार से जनता त्रस्त है। कई ट्रेनें गंतव्य स्थान के लिए रवाना होने के बाद भी बीच में ही रद्द कर दी जाती है जिससे यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। जैन संवेदना ट्रस्ट ने प्रधानमंत्री व रेल मंत्री से पत्र के से शीघ्र संवेदनशील निर्णय लेने की अपील की है व जनता को सतत रेल से सुविधा मुहैया कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सरकार का काम जनता को सुविधा उपलब्ध कराने का है न कि लाभ हानि देख कर रेल का संचालन करना है। ट्रेनों के लगातार रद्द होने से भारतीय रेल की साख पर भी बट्टा लगा है। जैन संवेदना ट्रस्ट ने अपने पत्र में बुजुर्गों के लिए सीनियर सिटीजन कन्सेशन को पुन: लागू करने की मांग की है। जोकि कोरोनाकाल के बाद से लगातार बन्द है।