दशहरा रैली की अनुमति मामले में शिंदे कैंप सुप्रीम कोर्ट का रुख का प्लान
मुंबई
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के अगुवाई वाले गुट को शिवाजी पार्क में दशहरा रैली करने की अनुमति मिल गई है। अब खबर है कि इसे लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे कैंप सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकता है। शुक्रवार को उच्च न्यायालय ने 'ताकत का दुरुपयोग' करने को लेकर बृह्नमुंबई महानगरपालिका को भई फटकार लगाई। शिवसेना 5 दशक से ज्यादा समय से शिवाजी पार्क में रैली आयोजित कर रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ शिंदे कैंप शीर्ष न्यायालय का रुख कर सकता है। उच्च न्यायालय में भी माहिम विधायक सदा सर्वांकर की तरफ से ठाकरे कैंप की याचिका के खिलाफ आवेदन दिया गया था। हालांकि, अदालत ने शिंदे कैंप के विधायक के आवेदन को खारिज कर दिया।
जस्टिस रमेश डी धनुका और जस्टिस कमाल आर खाटा ने 2-6 अक्टूबर के बीच याचिकाकर्ता को तैयारियां और रैली से जुड़े कामों के लिए मैदान का इस्तेमाल करने के आदेश बीएमसी को दिए हैं। साथ ही कोर्ट ने पुलिस को मौके पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की तरफ से किसी तरह के उल्लंघन से बचने के लिए वीडियो रिकॉर्ड करने के लिए भी कहा है।
शिवसेना वर्षों से शिवाजी पार्क (शिव-तीर्थ) में दशहरा रैली का आयोजन कर रही है लेकिन इस साल मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना के धड़े द्वारा भी दशहरे के दिन (पांच अक्टूबर को) उसी मैदान में रैली आयोजित करने की अनुमति मांगे जाने के बाद यह कानूनी विवादों में घिर गया।
ठाकरे नीत शिवसेना गुट और उसके सचिव अनिल देसाई ने बीएमसी के आदेश को चुनौती दी थी। पीठ ने कहा, 'हमारे विचार में बीएमसी ने साफ मन से फैसला नहीं लिया है। याचिकाकर्ता को अतीत में शिवाजी पार्क में दशहरा रैली करने की अनुमति मिलती रही है।' अदालत ने अपने आदेश में कहा, 'सिर्फ किसी दूसरे आवेदक के होने के आधार पर बीएमसी द्वारा रैली की अनुमति नहीं दिया जाना, कानूनी प्रक्रिया का स्पष्ट दुरुपयोग है।' अदालत ने कहा कि नगर निकाय ने 'बेहद हल्के आधार पर अधिकारों का दुरुपयोग किया है।'
बीएमसी ने 21 सितंबर को कहा था कि वह ठाकरे नीत पार्टी का आवेदन इसलिए खारिज कर रही है क्योंकि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना के विद्रोही धड़े के विधायक सदा सारवंकर ने भी ऐसी ही अर्जी दी है और अगर एक धड़े को अनुमति दी जाती है तो इससे स्थानीय पुलिस के लिए कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा हो जाएगी। बीएमसी ने शिवाजी पार्क थाने द्वारा रैली के संबंध में चिंता जताए जाने वाली रिपोर्ट भी अदालत को सौंपी।