November 23, 2024

झारखंड में 38 हजार से भी ज्यादा आंगनबाड़ी केंद्रों पर पिछले छह दिनों से ताला लटका, कामकाज बंद

0

रांची
झारखंड में 38 हजार से भी ज्यादा आंगनबाड़ी केंद्रों पर पिछले छह दिनों से ताला लटका है। जिन सेविकाओं-सहायिकाओं की बदौलत इन केंद्रों का संचालन होता है, वो अपनी मांगों को लेकर 5 अक्टूबर से हड़ताल पर हैं। उनका कहना है कि राज्य की सरकार ने मानदेय वृद्धि, पेंशन, ग्रेच्युटी आदि से जुड़ी उनकी जायज मांगों पर उनके साथ वादाखिलाफी की है। वर्षों से गुहार लगाने के बाद भी उन्हें सिर्फ आश्वासन मिला है।

राज्यभर की आंगनबाड़ी सेविकाओं-सहायिकाओं ने 23 सितंबर को रांची में प्रदर्शन किया था। उन्होंने मोरहाबादी मैदान से सीएम हाउस तक रैली निकाली थी। उस समय सरकार की तरफ से झामुमो के विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने उन्हें आश्वस्त किया था कि उनकी मांगों पर सरकार जल्द फैसला लेगी, लेकिन इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं हुई। हालांकि, 8 अक्टूबर को कैबिनेट की बैठक में सरकार ने उनकी सेवा नियमावली में संशोधन, आकस्मिक मृत्यु होने पर उनके आश्रित को नियुक्ति और मानदेय में नियमित बढ़ोतरी को मंजूरी दी है, लेकिन आंदोलित सेविका-सहायिका का कहना है कि सरकार ने उनकी मुख्य मांगों पर स्पष्ट निर्णय नहीं लिया है। उन्हें गुमराह करने की कोशिश की जा रही है। ऐसे में उनका आंदोलन जारी रहेगा।

राज्य के विभिन्न जिलों में आंदोलित सेविका-सहायिका ने दुर्गा पूजा को देखते हुए चार दिनों के लिए धरना स्थगित किया है, लेकिन उनकी हड़ताल जारी है। झारखंड राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष मीरा देवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में ग्रेच्युटी देने, रिटायरमेंट के बाद सेविका को दस लाख और सहायिका को पांच लाख रुपए का एकमुश्त सेवानिवृत्ति लाभ देने, वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन देने की मांग पर अब भी सरकार ने ठोस फैसला नहीं लिया है। इस हड़ताल से राज्य के आंगनबाड़ी केंद्रों के बंद रहने से बच्चों को पोषण युक्त आहार, 6 साल से कम उम्र के बच्चों का टीकाकरण सहित तमाम गतिविधियां ठप पड़ गई हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *