November 27, 2024

कांग्रेस अध्यक्ष खरगे के उस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया मिली है जिसमें भजपा को आतंकवादी पार्टी कहकर संबोधित किया

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नई दिल्ली
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के उस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया मिली है जिसमें उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को "आतंकवादी पार्टी" कहकर संबोधित किया था। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार के दौरान के आतंकी घटनाओं को जिक्र करते हुए कांग्रेस पर आतंकवाद के दोषियों के प्रति नरम रुख अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने आतंकवादी अफजल गुरु के प्रति नरम रहने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस पर हमला किया और कहा कि सोनिया गांधी ने बटला हाउस मुठभेड़ में मारे गए आतंकवादियों के प्रति सहानुभूति व्यक्त की थी।

जोशी ने सोशल मीडिया पर अपने विचार साझा करते हुए कहा, "मल्लिकार्जुन खरगे ने गलती से भाजपा को आतंकवादी पार्टी कह दिया। वह यह सोनिया गांधी ही थीं जिन्होंने बटला हाउस में मारे गए आतंकवादियों के लिए आंसू बहाए थे। यह कांग्रेस ही थी जो अफजल गुरु के प्रति नरम थी। यह कांग्रेस ही थी जिसने 2004 में पोटा को निरस्त किया था। यह उनके प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह थे जिन्होंने अलगाववादी आतंकवादियों से हाथ मिलाया था।"

उन्होंने कहा, "केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में ही हमने आतंकवादी गतिविधियों में उल्लेखनीय गिरावट देखी है। आज कश्मीरी युवाओं के पास पत्थर नहीं बल्कि नौकरियां हैं। एक वरिष्ठ नेता के रूप में, खरगे को अपनी बातों की दोबारा जांच करनी चाहिए।"

आपको बता दें कि मल्लिकार्जुन खरगे ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की थी। खरगे ने प्रधानमंत्री मोदी के उस दावे को खारिज कर दिया कि कांग्रेस अर्बन नक्सलियों द्वारा नियंत्रित है। खरगे ने भाजपा पर अनुसूचित जातियों और आदिवासियों के खिलाफ हिंसा के कृत्यों से जुड़े होने का आरोप लगाया।

खरगे ने कहा, "प्रगतिशील लोगों को शहरी नक्सली कहा जा रहा है। यह उनकी आदत है। उनकी पार्टी भाजपा खुद एक आतंकवादी पार्टी है। वे लिंचिंग करते हैं। अनुसूचित जातियों के सदस्यों के मुंह में पेशाब और आदिवासियों के साथ बलात्कार करते हैं। वे इन कृत्यों को करने वालों का समर्थन भी करते हैं और फिर दूसरों को दोषी ठहराते हैं।"

खरगे ने आगे कहा, "जहां भी उनकी सरकार सत्ता में है वहां अनुसूचित जातियों, खासकर आदिवासियों के लोगों पर अत्याचार किए जाते हैं। फिर वे इन अत्याचारों के बारे में बात करते हैं।"

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