November 27, 2024

भारत ने कनाडा के छह राजनयिकों को निष्कासित कर दिया, लौट रहे उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा को खालिस्तानी तत्वों से खतरा

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नई दिल्ली
भारत ने कनाडा के छह राजनयिकों को निष्कासित कर दिया तथा कनाडा से अपने उच्चायुक्त और ‘‘निशाना बनाए जा रहे’’ अन्य राजनयिकों एवं अधिकारियों को वापस बुलाने की घोषणा की। भारत के उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा और पांच अन्य अधिकारी इस सप्ताह के अंत में कनाडा से लौट आएंगे। भारत लौटने के बाद उनको संभावित खालिस्तानी खतरों के कारण बढ़ी हुई सुरक्षा दी जाएगी। खुफिया सूत्रों के अनुसार, इन अधिकारियों पर खालिस्तानी समर्थक समूहों से गंभीर खतरे की आशंका है। इसके अलावा, कनाडा में हाल ही में तैनात अन्य भारतीय राजनयिकों और अधिकारियों को भी विशेष सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। संजय कुमार वर्मा के अलावा, टोरंटो के वाणिज्य दूत सिद्धार्थ नाथ को सबसे अधिक "खतरे में" माना जा रहा है। उन्हें भी हाल ही में कनाडा छोड़ने को कहा गया था। नाथ ने पिछले साल अगस्त में टोरंटो कांसुलेट का कार्यभार संभाला था। ब्रिटिश कोलंबिया के प्रमुख खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के दो महीने बाद ही नाथ ने कार्यभार संभाला था।

खालिस्तानी समर्थक समूह का $500,000 का इनाम
खालिस्तान समर्थक समूह ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ (SFJ) ने उच्चायुक्त वर्मा की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए 500,000 डॉलर का इनाम घोषित किया है। SFJ के जनरल काउंसल गुरपतवंत पन्नू ने एक बयान में कहा कि वे "संजय कुमार वर्मा की हर गतिविधि पर नजर रखेंगे" और उन्हें "न्याय के कटघरे" में लाने के लिए प्रयास करेंगे। SFJ का आरोप है कि वर्मा का निज्जर की हत्या में कथित तौर पर हाथ था और यह संगठन लगातार कनाडा के प्रधानमंत्री को इस मामले की जांच के लिए पत्र लिखता रहा है।

भारत की प्रतिक्रिया: OCI कार्ड पर सख्ती, वीजा पर नहीं
सूत्रों के अनुसार, भारत सरकार खालिस्तानी गतिविधियों से जुड़े भारतीय मूल के कनाडाई नागरिकों के ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (OCI) कार्ड पर सख्त कार्रवाई करने की योजना बना रही है। हालांकि, वीजा जारी करने पर रोक लगाने की संभावना नहीं है, जैसा कि पिछले साल प्रधानमंत्री ट्रूडो के बयान के बाद हुआ था।

ट्रूडो का बयान: "सार्वजनिक सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम"
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार को कहा कि छह भारतीय अधिकारियों को निष्कासन नोटिस देना "आवश्यक" था ताकि उन आपराधिक गतिविधियों को रोका जा सके जो कनाडा की सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा बनी हुई हैं। फिलहाल भारत और कनाडा के बीच खालिस्तानी मुद्दे को लेकर बढ़ते तनाव के बीच, भारतीय राजनयिकों और अधिकारियों की सुरक्षा बढ़ाई जा रही है।

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