November 27, 2024

भारत के साथ रिश्ते बिगाड़ चुके जस्टिन ट्रूडो के करीबी देशों ने भी अब उन्हें औकात दिखाई

0

नई दिल्ली
भारत के साथ रिश्ते बिगाड़ चुके जस्टिन ट्रूडो के करीबी देशों ने भी अब उन्हें औकात दिखा दी है। पश्चिमी देशों के समर्थन पर खूब उछल रहे कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों के बावजूद अमेरिका और ब्रिटेन ने मोदी सरकार के साथ अपने संबंधों को और मजबूत करने का इरादा जाहिर किया है। पहले ट्रूडो ने दावा किया था कि भारतीय राजनयिकों ने कनाडा में रहने वाले सिख अलगाववादियों पर निगरानी रखी और उन्हें धमकाया, ब्लैकमेल किया या मार डाला। हालांकि, ट्रूडो के इन दावों की खिल्ली उड़ गई है, भारत बार-बार इस बेतुके बयानों के बारे में सबूत मांगता रहा है मगर कनाडा सरकार इस बारे में पुख्ता जानकारी मुहैया नहीं करा पाई है।

और बढ़ी भारत-कनाडा के बीच रिश्तों की खाई
यह विवाद पिछले साल उस समय शुरू हुआ जब ट्रूडो ने भारत पर ब्रिटिश कोलंबिया में एक सिख आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था। अब कनाडा ने आरोप लगाया है कि भारतीय अधिकारियों ने कनाडा की जमीन पर और भी कई अवैध गतिविधियों को अंजाम दिया। सोमवार को कनाडा ने छह भारतीय राजनयिकों को निष्कासित कर दिया, क्योंकि भारत ने उनकी राजनयिक छूट हटाने से इनकार कर दिया। इसके जवाब में भारत ने भी छह कनाडाई राजनयिकों को वापस भेज दिया।

ट्रूडो को अपनों ने ही दिखाई औकात
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रूडो के इन आरोपों से पश्चिमी देशों के भारत के साथ संबंधों को लेकर प्रश्न उठ रहे थे लेकिन अमेरिका और ब्रिटेन ने मंगलवार को जो बयान जारी किए कि उनके दृष्टिकोण में कोई बड़ा बदलाव नहीं है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, "हमने साफ किया है कि ये आरोप बेहद गंभीर हैं और इन्हें गंभीरता से लिया जाना चाहिए।" हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि भारत अमेरिका का अत्यंत मजबूत साझेदार है और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में एक प्रमुख भूमिका निभाता है। इस बीच ट्रूडो ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर से फोन पर बातचीत की लेकिन उनके बयान में भारत का नाम नहीं लिया गया। दोनों की बातचीत के बारे में कहा गया कि दोनों नेताओं ने कानून के शासन के महत्व पर सहमति जताई और जांच पूरी होने तक संपर्क में रहने की बात कही।

पश्चिमी देशों के लिए भारत क्यों अहम
पश्चिमी देश हाल के वर्षों में भारत को एक महत्त्वपूर्ण सामरिक साझेदार के रूप में देख रहे हैं, खासकर चीन के बढ़ते प्रभाव के खिलाफ पश्चिमी देशों ने भारत को खास अहमियत दी। जबकि ब्रिटेन भारत के साथ एक मुक्त व्यापार समझौते पर काम कर रहा है, वहीं अमेरिका रक्षा, स्वच्छ प्रौद्योगिकी और ऊर्जा के क्षेत्रों में भारत के साथ सहयोग कर रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *