छोटी बच्चियों से दुष्कर्म, रूसी सैनिकों ने पार कीं क्रूरता की हदें
कीव/मॉस्को
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में बताया गया है कि रूसी सैनिकों ने यूक्रेन के आम नागरिकों पर भीषण अत्याचार किए। बता दें कि संयुक्त राष्ट्र ने इस साल मार्च में मानवाधिकारों के हनन के लिए अंतरराष्ट्रीय जांच आयोग बनाया था।
रूस और यूक्रेन में युद्ध बीते कई महीनों से लगातार जारी है। इस युद्ध में अब तक हजारों लोगों की जान जा चुकी है। लाखों लोग देश छोड़कर दूसरे देश चले गए हैं। लेकिन इन सब के बीच संयु्क्त राष्ट्र की टीम ने रूसी सैनिकों की क्रूरता के बारे में जो रिपोर्ट पेश की है वह दिल दहलाने वाली है। बताया जा रहा कि युद्ध के दौरान रूसी सैनिकों ने अत्याचार की सारी हदें पार कर दीं। संयुक्त राष्ट्र ने रूस को युद्ध अपराधी घोषित किया है। इतना ही नहीं कई पश्चिमी देशों ने तो आर्थिक प्रतिबंध तक लगा दिए।
रूसी सैनिकों की दिल दहलाने वाली क्रूरता
संयुक्त राष्ट्र ने इस साल मार्च में यूक्रेन में रूसी सैनिकों द्वारा मानवाधिकार के हनन की जांच के लिए एक टीम बनाई गई गई थी जिसने अब रिपार्ट पेश कर दी है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि रूसी सैनिकों ने चार साल की छोटी बच्चियों से लेकर 82 साल की बुजुर्ग महिला के साथ यौन हिंसा को अंजाम दिया है। इतना ही नहीं सैनिकों ने नागरिकों को कैदी बनाकर थर्ड डिग्री से भी खतरनाक यातनाएं दीं। यहां तक कि कुछ कैदियों को रूस ले जाया गया, जहां उन्हें पीटा गया, बिजली के झटके दिए गए और कपड़े उतारकर कोड़े बरसाए गए।
बच्चों पर भी नहीं आई दया
रिपोर्ट मे कहा गया है कि रूसी सैनिकों ने चार साल की छोटी बच्चियों के साथ भी दुष्कर्म किया और उन्हें प्रताड़ना दी। सभी बच्चियों को गैरकानूनी रूप से कैद किया गया। विस्फोटक हथियारों से अंधाधुंध हमलों में बच्चे भी मारे गए हैं और घायल हुए हैं। वहीं खार्किव क्षेत्रीय गवर्नर ने कहा कि इजियम सामूहिक दफन स्थल से 436 शव बरामद किए गए, जिनमें 30 में यातना के संकेत थे। सभी के साथ जुल्म की हदें पार की गई थीं।