November 26, 2024

छत्तीसगढ़-सुकमा में दो नक्सलियों ने किया सरेंडर, पुलिस-सरकार की नीति पर बढ़ा भरोसा

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सुकमा.

सुकमा जिले में सक्रिय दो नक्सलियों के द्वारा आत्मसमर्पण किया गया। छत्तीसगढ़ शासन की ”छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति’’ एवं ‘‘नियद नेल्ला नार’’ योजना से प्रभावित होकर तथा अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार नवीन सुरक्षा कैंप स्थापित कर पुलिस के बढ़ते प्रभाव से आत्मसमर्पण किया गया। नक्सलियों को आत्मससमर्पण हेतु प्रोत्साहित कराने में रेंज फिल्ड टीम (आरएफटी) कोंटा एवं 50, 219 वाहिनी सीआरपीएफ एवं 208 कोबरा वाहिनी के आसूचना शाखा के कार्मिकों की विशेष भूमिका रही है।

जिला सुकमा में वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में छत्तीसगढ़ शासन की ‘‘छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति’’ एवं सुकमा पुलिस द्वारा चलाये जा रहे ‘‘नियद नेल्ला नार’’ योजना से प्रभावित होकर तथा अति संवेदनशील अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार कैंप स्थापित होने से पुलिस के बढ़ते प्रभाव व नक्सलियों के अमानवीय, आधारहीन विचारधारा एवं उनके शोषण, अत्याचार तथा बाहरी नक्सलियों के द्वारा भेदभाव करने तथा स्थानीय आदिवासियों पर होने वाले हिंसा से तंग आकर नक्सली संगठन में सक्रिय दो नक्सली सदस्यों क्रमश 1. ओयाम हुंगा पिता ओयाम पाण्डू (कामावरम आरपीसी. सेक्शन डिप्टी कमाण्डर) उम्र लगभग 32 वर्ष जाति मुरिया निवासी राजपेंटा पटेलपारा थाना जगरगुण्डा जिला सुकमा (छ0ग0), 2.पोड़ियम जम्पू उर्फ गंपू पिता बदरा (मेहता आरपीसी मिलिशिया सदस्य) उम्र लगभग 22 वर्ष जाति दोरला निवासी मेहता, पटेलपारा थाना कोंटा जिला सुकमा (छ0ग0)। नक्सल संगठन को छोड़कर समाज की मुख्यधारा मे जुड़ने के उद्देश्य से पुलिस अधीक्षक कार्यालय, जिला सुकमा में रेमताराम, डिप्टी कमाण्डेन्ट 50 वाहिनी सीआरपीएफ, निरीक्षक रोषन सिंह राजपूत, प्रभारी नक्सल सेल सुकमा एवं निरीक्षक अनिल कुमार, 208 कोबरा वाहिनी के समक्ष बिना हथियार के आत्मसमर्पण किये है। नक्सली ओयम हुंगा पिता पाण्डू को आत्मसमर्पण हेतु प्रोत्साहित कराने में 208 कोबरा वाहिनी के आसूचना शाखा एवं नक्सली पोड़ियम जम्पू उर्फ गंपू पिता बदरा को आत्मसमर्पण हेतु प्रोत्साहित कराने में रेंज फिल्ड टीम (आरएफटी) कोन्टा, 50, 219 वाहिनी सीआरपीएफ आसूचना शाखा के कार्मिकों की विशेष भूमिका रही है।

उक्त नक्सली सदस्यों द्वारा प्रतिबंधित नक्सल संगठन में जुड़कर विभिन्न नक्सली गतिविधियों जैसे पुलिस गस्त पार्टी की रेकी करना, पुलिस पार्टी पर हमला करना, मुख्य मार्गों को खोदकर मार्ग अवरूद्ध करना, आम जनताओं से लूट-पाट करना, शासन-प्रशासन के विरूद्ध नक्सली बेनर, पोस्टर, पर्चा-पाम्पलेट लगाने एवं अन्य घटनाओं में शामिल रहे हैं। उक्त दोनों आत्मसमर्पित नक्सलियों को ‘‘छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति’’ के तहत् सहायता राशि व अन्य सुविधायें प्रदाय कराये जायेंगे।

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