सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या : भूले-बिसरे पूर्वजों का किया श्राद्ध
भोपाल
सर्व पितृ अमावस्या के दिन ऐसे लोग भी अपने उन पूर्वजों के निमित्त तर्पण और पिंडदान व श्राद्ध आदि करते हैं, जिनकी तिथि उन्हें ज्ञात नहीं। कई वे लोग भी रहेंगे, जो समयाभाव के कारण पूरे पितृपक्ष में तर्पण नहीं कर पाए। वे अमावस्या पर पितरों का तर्पण करते हैं।
आज सर्व पितृ अमावस्या है, यानी पितृ पक्ष का अंतिम दिन। यह दिन पितरों की विदाई का भी होता है। इस अमावस्या का खासकर उन लोगों को विशेष इंतजार रहता है, जिन्हें अपने किसी पितृ या पूर्वज की तिथि ज्ञात नहीं है। धर्मशास्त्रों के मुताबिक ऐसे देवलोक गमन करने वाले पितरों के निमित्त इसी दिन तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध कर सकते हैं। इस बार भोपाल में दो हजार से ज्यादा पंडितों के माध्यम से 10 हजार से ज्यादा यजमानों ने तर्पण कराए। शीतलदास की बगिया, गिन्नौरी घाट, खटलापुरा तालाब सहित विभिन्न जलाशयों के किनारे मुख्य तर्पण कार्यक्रम हुए। वहीं एमपी नगर स्थित गायत्री शक्तिपीठ, सुभाष नगर विश्रामघाट काली मंदिर, माता कंठाली, शाहपुरा तालाब घाट आदि स्थानों पर हाथों में जौ, तिल और कुश से पितरों को जलांजलि दी गई।