November 2, 2024

मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिये बनायी जाती है रंगोली

0

पटना
दीपों के पर्व दीपावली के अवसर पर मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिये रंगोली बनाने की परंपरा रही है। दीपावली के अवसर पर घरों को अलग-अलग तरह से सजाया जाता है। कुछ लोग पूरे घर को दीयों से रौशन करते हैं तो कुछ इलेक्ट्रि क लाइटों से लेकिन जब तक घर को रंगोली से नहीं सजाया जाए कुछ अधूरा सा लगता है।माना जाता है कि बिना रंगों के हर खुशी अधूरी है, इसी वजह से देश में लगभग हर बड़े त्योहार पर रंगोली बनाने की परंपरा है। दीवाली पर लोग रंगोली को जरूर बनाते हैं क्योंकि ऐसा माना जाता है कि मां लक्ष्मी रंगोली से खुश होती हैं। कहा जाता है कि मां लक्ष्मी अपने कुमकुम लगे पैरों से वहीं प्रवेश करती हैं, जहां साफ-सफाई और रचनात्मकता होती है और रंगोली उसी रचनात्मकता का प्रमाण है।
कहा यह भी जाता है कि दीवाली के दिन रावण का वध करने के बाद जब श्रीराम अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ 14 वर्षों का वनवास काटकर अयोध्या वापस लौटे थे, तब अयोध्यावासियों ने उनका पूरे हर्षोल्लास से स्वागत किया था। लोगों ने अपने घरों की साफ-सफाई करके उन्हें स्वच्छ बनाकर रंगों तथा फूलों की मदद से रंगोली सजाई थी और घर को दीपक से सजाया था, इसलिए तब से ही दीपावली पर रंगोली और दीए जलाने का नियम बन गया है।
रंगोली को आलपोना, कोलम या आरीपोमा भी कहते हैं। रंगोली के डिजाइन एक पीढ़ी दूसरे पीढ़ी को सिखाती है। रंगोली के डिजायन और रंग प्रान्त, परंपरा और लोगों की संस्कृति के अनुसार बदल जाते हैं। रंगोली दो शब्दों रंग और अवली से बना है। इसका अर्थ है रंगों की रेखा। रंगोली रंगे चावल के पाउडर और फूलों की पंखुड़ियों से बनाये जाते हैं।दीवाली की रंगोली बनाने के लिए रंगीन चावल का पाउडर, फूलों की पंखुड़ी, हल्दी पाउडर और सिंदूर का प्रयोग होता है। रंगोली के डिजाइन में हिंदू देवी-देवताओं की आकृति, ज्यामितीय आकृतियां, रेखाएं, डॉट डिजायन, गोल फ्लोरल डिजायन और पिकॉक शामिल किये जाते हैं।
गोली डिजाइन बनाने की परंपरा बहुत पुराने समय से है। इसका मुख्य उद्देश्य सजावट तो होता ही है साथ ही इससे घर में सौभाग्य आता है और घर आने वाले मेहमान भी सजावट देखकर प्रसन्न होते हैं। घर की महिलाएं रंगोली बनाने का काम करती हैं। दीपावली के दिन तो उनका उत्साह देखने लायक होता है। विवाह हो, त्योहार हो या फिर कोई भी शुभ मुहूर्त हो रंगोली हर घर में बनाई जाती है। दीवाली पर हर घर में रंगोली बनाई जाती है।आज के समय में रंगोली बनाना बहुत आसान हो गया है।
शुभ मौके पर घर के द्वार पर रंगोली सजाना भारतीय संस्कृति का एक अहम हिस्सा है और हमें हमारे वास्तविक रीति रिवाजों से बांधे रखती है। प्रायः प्रत्येक घर के सामने दीवाली के दिन रंग-बिरंगी रंगोली देखने को मिलती है। रंगोली घर की सुंदरता को बढ़ाती है। आदि काल से चली आ रही इस परंपरा का अस्तित्व आज भी कायम है। पहले विभिन्न रंगों से घर-आंगन में रंगोली सजाई जाती थी, लेकिन वर्तमान में आधुनिक चकाचौंध में परम्परागत रंगोली की कद्र घटती जा रही है। लोग आजकल रेडिमेड रंगोली लाकर घरों को सजा रहे हैं।
ग्रामीण क्षेत्र के कई घरों में आज भी यह परंपरा कायम है तथा दीवाली पर घरों में अलग-अलग प्रकार की रंगोली बनाकर पूजा की जाती है। बाजार में आजकल तो रेडिमेड विभिन्न प्रकार की रंगोली आसानी मिल जाती है। यह सामान्य से थोड़ी अलग दिखने वाली डिजाइन है। जिसमें आठ कोण होते है। इसमें सफेद रंग का प्रयोग बहुत ही खूबसूरती से किया गया है, जो रंगोली के डिजाइन को उभारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। बीच में हरे रंग के अलावा विभिन्न रंगों का इस्तेमाल किया गया है।
पहले के समय में जहां खुद ही चावल या बुरादा रंगना पड़ता था वहीं आज सब कुछ रेडिमेड मिल जाता है। हमें सिर्फ अपनी पसंद के रंग चुनने हैं। जिन लोगों को अब तक ये शिकायत हुआ करती थी कि उन्हें रंगोली नहीं बनानी आती, उनके लिए भी बाजार में स्टेंसिल मौजूद हैं। अलग-अलग डिजाइन में उपलब्ध स्टेंसिल में सिर्फ रंग भरकर आप एक खूबसूरत रंगोली बना सकते हैं।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *