November 22, 2024

हर आदमी पर ₹84,30,591 कर्ज, चुकाते-चुकाते निकल जाएगा दम! किस देश का है ऐसा हाल

0

वाशिंगटन
 दुनिया की सबसे बड़ी इकॉनमी वाले देश अमेरिका का कर्ज 35.83 ट्रिलियन डॉलर पहुंच चुका है। देश के हर नागरिक पर 106,132 डॉलर यानी ₹84,30,591 कर्ज है। प्रति टैक्सपेयर यह कर्ज 271,888 डॉलर पहुंच गया है। पिछले साल अक्टूबर में अमेरिका का कर्ज 33.68 ट्रिलियन डॉलर था। दुनिया की सबसे बड़ी इकॉनमी वाले देश अमेरिका का कर्ज पिछले 24 साल में छह गुना बढ़ गया है। साल 2000 में अमेरिका पर 5.7 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज था जो 2010 में 12.3 ट्रिलियन डॉलर और 2020 में 23.2 ट्रिलियन डॉलर पहुंचा था।

यूएस कांग्रेस के बजट दस्तावेजों के मुताबिक अगले दशक तक देश का कर्ज 54 ट्रिलियन डॉलर पहुंचने का अनुमान है। तीन महीने में ही इसमें एक ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा का इजाफा हो चुका है। यह देश की जीडीपी का करीब 125% पहुंच है। पिछले तीन साल में ही देश का कर्ज 10 ट्रिलियन डॉलर से अधिक बढ़ा है। स्थिति यह हो गई है कि अमेरिका को रोजाना 1.8 अरब डॉलर ब्याज के भुगतान में खर्च करने पड़ रहे हैं। सरकार को सालाना $1 ट्रिलियन से ज्यादा केवल ब्याज देना पड़ रहा है। यानी फेडरल टैक्स रेवेन्यू का 23% ब्याज चुकाने में जा रहा है।

देश का कर्ज

अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों में देश का कर्ज एक बड़ा मुद्दा बनकर उभरा है। सरकार की कमाई कम हो रही है और खर्च बढ़ गया है। जानकारों की मानें तो अमेरिका की इकॉनमी और नेशनल सिक्योरिटी के लिए अच्छी बात नहीं है। अगर कर्ज इसी तरह के बढ़ता गया तो अगले कुछ साल में अमेरिका का डेट-टु-जीडीपी रेश्यो 200% तक पहुंच सकता है। देश का कर्ज इकॉनमी से दोगुना पहुंच जाएगा। अगर ऐसा हुआ तो कर्ज चुकाते-चुकाते ही अमेरिका का दम निकल जाएगा।

इससे सरकार को रिसर्च एंड डेवलपमेंट, इन्फ्रास्ट्रक्चर और शिक्षा पर होने वाले कुल खर्च से ज्यादा पैसा ब्याज चुकाने में देना होगा। इससे सरकार को सोशल सिक्योरिटी पर खर्च में कटौती करनी पड़ सकती है। चिंता यह है कि अमेरिका का कर्ज ऐसे वक्त में बढ़ रहा है जब देश की इकॉनमी अच्छी स्थिति में है और बेरोजगारी कम है। अमूमन जब इकॉनमी कमजोर होती है तो सरकार खर्च बढ़ाती है ताकि ग्रोथ को हवा दी जा सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *