November 24, 2024

देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी.वाई. चंद्रचूड़ 10 नवंबर को रिटायर हो रहे है, रिटायर होने से पहले ये 5 बड़े फैसले सुनाएंगे

0

नई दिल्ली
देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी.वाई. चंद्रचूड़ 10 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं। उनके पास सुप्रीम कोर्ट में महज 5 कार्य दिवस बचा है। इन कार्य दिवसों में उन्हें कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर फैसला देना है, जिनमें अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) को अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा देने से जुड़ा विवाद, मदरसा कानून की वैधता, संपत्ति के पुनर्वितरण सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल हैं। रिटायर होने से पहले मुख्य न्यायाधीश जिन मुद्दों पर फैसला सुनाएंगे, उनका न सिर्फ राजनीति बल्कि आम लोगों की जिंदगी पर भी प्रभाव पड़ेगा। चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ 10 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं।

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय मामला
मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली 7 जजों की संविधान पीठ ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा देने से संबंधित मुद्दों पर 1 फरवरी, 2024 को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। संविधान पीठ इस कानूनी सवाल पर अपना फैसला सुनाएगी कि एएमयू को संविधान के अनुच्छेद 30 के तहत अल्पसंख्यक का दर्जा प्राप्त है या नहीं।

भर्ती प्रक्रिया के बाद नियमों में बदलाव का मामला
सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की संविधान पीठ इस कानूनी सवाल पर अपना फैसला सुनाएगी कि क्या भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के बाद नियमों और शर्तों में बदलाव हो सकता है? इस मामले में संविधान पीठ ने 23 जुलाई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। यह कानूनी सवाल राजस्थान हाईकोर्ट में अनुवादकों की नियुक्ति से उठा था।

एलएमवी लाइसेंस धारक मामला
सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों के संविधान पीठ इस कानूनी सवाल पर अपना फैसला सुनाएगी कि क्या लाइट मोटर व्हीकल (एलएमवी) लाइसेंस धारक चालक 7,500 किलोग्राम तक के वजन वाले परिवहन वाहन चलाने का अधिकार है या नहीं है। इस मुद्दे पर सीजेआई की अगुवाई वाली पीठ ने 21 अगस्त को अपना फैसला सुरक्षित रखा था। यह मामला बेहद महत्वपूर्ण है।

मदरसा कानून की वैधता का मामला
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली 3 जजों की पीठ ने अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश मदरसा अधिनियम की वैधता से जुड़े मसले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। पीठ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रखा है, जिसके तहत यूपी मदरसा अधिनियम को असंवैधानिक घोषित करते हुए रद्द कर दिया गया था। बच्चों को सरकारी स्कूलों में समायोजित करने का आदेश दिया था।

संपत्ति के वितरण का मामला
मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली 9 जजों की संविधान पीठ इस संवैधानिक सवाल पर फैसला सुनाएगी कि क्या सरकार को निजी संपत्ति अधिग्रहित कर उनका पुनर्वितरण करने का अधिकार है या नहीं। संविधान पीठ अनुच्छेद 39(बी) के प्रावधानों को लेकर फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस अनुच्छेद में जनहित के लिए संपत्ति के पुनर्वितरण से संबंधित है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed