November 24, 2024

पेसा मित्रों से सशक्त हो रही हैं प्रदेश की पेसा ग्राम पंचायतें

0

भोपाल

मध्यप्रदेश में पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) नियम-2022 लागू हैं। यह नियम प्रदेश में निवासरत जनजातीय समुदायों के प्राकृतिक रहन-सहन को केन्द्र में रखकर उनकी स्व-शासन की भावना को मान्यता प्रदान करते हैं। प्रदेश की सभी पेसा ग्राम पंचायतों में इन दिनों एक नई सकारात्मक लहर देखने को मिल रही है। पेसा मित्रों या कहें पेसा मोबलाईजर्स का योगदान ग्रामीणों को केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं से जोड़ने में महत्वपूर्ण साबित हो रहा है। राज्य की 5 हजार 133 पेसा ग्राम पंचायतों में 4 हजार 665 पेसा मित्र कार्यरत हैं, जो अपनी भूमिका को पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ निभा रहे हैं। ये पेसा मित्र न केवल ग्रामीणों को केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दे रहे हैं, बल्कि उन्हें इन योजनाओं का लाभ उठाने और आत्मनिर्भर बनने की दिशा में प्रेरित भी कर रहे हैं। इस दिशा में शहडोल जिले का काम विशेष रूप से सराहनीय रहा है। यहां पेसा मित्रों ने ग्राम पंचायतों में जाकर जागरूकता अभियान चलाया, जिससे ग्रामीणों में शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, कृषि और रोजगार जैसी योजनाओं के प्रति रूचि बढ़ी है। पेसा मित्रों ने ग्रामीण (विशेषकर जनजातीय) समुदायों को सरकार की योजनाओं से जोड़ने के साथ-साथ ग्राम पंचायतों में एक सशक्त सोशल नेटवर्क तैयार किया है, जो ग्राम स्तर पर सबके स्वावलंबन को बढ़ावा दे रहा है।

पेसा मित्रों की इस पहल से ग्राम पंचायतों में सकारात्मक बदलाव दिख रहा है। ग्रामीण, जो पहले सरकारी योजनाओं से अनजान थे, अब न केवल इनसे परिचित हो रहे हैं बल्कि योजनाओं का लाभ भी उठा रहे हैं। इससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है और वे स्वयं के जीवन को बेहतर बना पा रहे हैं। प्रदेश में पेसा मित्रों का यह कार्य न केवल ग्रामीण विकास की दिशा में एक सराहनीय कदम है बल्कि समाज में सामूहिक जागरूकता और सहभागिता की भावना भी विकसित कर रहा है।

 पेसा मित्र बन रहे सच्चे मददगार

शहडोल जिले की पेसा ग्राम पंचायतों में नियुक्त पेसा मित्र (मोबलाईजर) महती भूमिका निभा रहे हैं। पेसा मित्रों द्वारा पेसा एक्ट में उल्लेखित हितग्राहीमूलक विकास कार्यों, समग्र ई-केवाईसी, जनजातीय समुदायों को मछली पालन के लिए प्रोत्साहित करना, खनिज समिति व मादक पदार्थ नियंत्रण समिति के तहत आर्थिक दंड वसूल करना जैसे अन्य विभिन्न कार्य प्राथमिकता के साथ किये जा रहे हैं। जिले के जयसिंहनगर ब्लॉक की ग्राम पंचायत ठेंगरहा के पेसा मित्र (मोबलाईजर) अजय सिंह परस्ते द्वारा इस ग्राम पंचायत क्षेत्र में जल समिति द्वारा मछली पालन, मादक पदार्थ समिति द्वारा लोगों को मादक पदार्थ का सेवन न करने के बारे में जागरूक किया गया। साथ ही बाजार समिति के जरिये ग्राम पंचायत द्वारा बाजार कर लेने का प्रस्ताव पारित करने में भी महती भूमिका का निर्वहन किया गया। साथ ही समग्र आई-डी, ई-केवाईसी, समग्र सत्यापन, समग्र में नाम जोड़ना, समग्र परिवार विभाजन, आवास रजिस्ट्रेशन, राशन पोर्टल में पात्र परिवारों की फीडिंग, पीएम जन-मन पक्का आवास रजिस्ट्रेशन, मनरेगा सबन्धित कार्यों का मस्टर रोल जारी करने, शांति एवं विवाद निवारण समिति के अंतर्गत समन्वय कार्य, पीएम जन-मन पक्का आवास का जियो-टैग जैसे कार्य किये गये। इसी प्रकार जयसिंहनगर ब्लॉक की पेसा मित्र (मोबलाईजर) सुमुस्कान गुप्ता, सुवेदकली पटेल, सुकल्पना तिवारी,  कुलदीप सिंह व अन्य पेसा मित्रों द्वारा केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित हितग्राहीमूल एवं समुदायमूलक योजनाओं का संबंधितों को लाभ दिलाने के लिए स्व-प्रेरणा से सेवा कार्य किये गये।

उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश के 20 जिलों के 88 विकासखंडों की 5 हजार 133 ग्राम पंचायतों के अधीन 11 हजार 596 ग्राम पेसा क्षेत्र में आते हैं। अलीराजपुर, झाबुआ, मंडला, बड़वानी, अनूपपुर एवं डिंडोरी पूर्ण पेसा जिलों में रूप में चिन्हित हैं। जबकि बालाघाट, बैतूल, बुरहानपुर, छिंदवाड़ा, धार, खंडवा, नर्मदापुरम, खरगोन, सिवनी, शहडोल, श्योपुर, सीधी उमरिया एवं रतलाम आंशिक पेसा जिले हैं। प्रदेश में ग्राम स्तर, पंचायत स्तर, विकासखंड, जिला एवं राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रमों के जरिये पेसा एक्ट के क्रियान्वयन में तेजी से प्रगति आई है। पेसा मित्र इस दिशा में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed