धीरेंद्र शास्त्री के समर्थन में उतरे आनंद महाराजः बोले- गैर हिंदुओं की एंट्री पर रोक नहीं तो हमें मक्का मदीना जाने की आजादी दीजिए
सीहोर
मध्य प्रदेश में सीहोर बढियाखेड़ी स्थित श्रीराम जानकी अधिकारी मंदिर अन्नकूट महोत्सव का आयोजन किया गया। जिसमें संयुक्त राष्ट्रीय महामंत्री अखिल भारतीय संत समिति के महामंडलेश्वर श्री राधे राधे बाबा शामिल हुए। इस दौरान श्री राधे राधे बाबा ने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के महाकुंभ में गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर दिए गए बयान को सही बताया है। उन्होंने कहा महाकुंभ में गैर-हिंदुओं पर रोक लगनी चाहिए।
कार्यक्रम में कार्यकारीअध्यक्ष म.प्र.अ.भा. संत समिति स्वामी अनिल आनंद महाराज ने पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के महाकुंभ में गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर दिए गए बयान को लेकर कहा कि पवित्र नगरी में पवित्र कुंभ लगाया जाता है। पूरे साधु संत उसमें मौजूद रहते हैं, अगर सिंहस्थ में गैर-हिंदुओं पर वेन नहीं लगते तो आप भी हमें मक्का मदीना जाने की आजादी दीजिए। हमारे हिंदुओं को वहां जाने नहीं दिया जाता। तो संत समाज यहां मुस्लिमों का प्रवेश वर्जित कर रहा है।
कार्यकारी अध्यक्ष, मध्य प्रदेश अखिल भारतीय संत समिति सनातन धर्म के प्रखर वक्ता और आतंकवादियों पर खुलकर बयान देने वाले महामंडलेश्वर राधे राधे बाबा स्वामीअनिल आनंद जी हाल ही में इंदौर में पटाखे फोड़ने की बात पर हुए विवाद में पत्थरबाजी की घटना सहित अन्य मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रख चुके हैं। एक बार फिर उन्होंने कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री के दिए गए बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है उन्होंने कहा, धीरेंद्र शास्त्री सनातन धर्म के ध्वजवाहक हैं। उनके द्वारा दिया गया बयान उचित है। क्योंकि जब आप थूक-जिहाद कर सकते हो, बाथरूम करके आटा गूंधकर लोगों को रोटी खिला सकते हो, फलों में थूक थूक कर दे रहे हो, तो संत इसे स्वीकार नहीं कर सकते।
उन्होंने कहा संतों ने बहुत अच्छा कदम उठाया है। गैर-हिंदुओं को सिंहस्थ में प्रवेश से वर्जित किया जाना चाहिए, क्योंकि यह पवित्र नगरी है, और यहां पवित्र कुंभ आयोजन होता है। पूरे साधु-संत उसमें शामिल होते हैं। अगर हम सिंहस्थ में मुसलमानों पर प्रतिबंध नहीं लगाते, तो आप हमें मक्का-मदीना जाने की आजादी दीजिए, जहां हिंदुओं को वहां जाने की अनुमति नहीं मिलती। अगर संत समाज यहां मुसलमानों का प्रवेश वर्जित कर रहा है तो इसमें गलत क्या है? इसलिए मैं इस बात का समर्थन करता हूं, और धीरेंद्र शास्त्री जी ने जो कहा वह बिल्कुल सही है।