November 24, 2024

प्रयागराज महाकुंभ 2025 के स्वच्छता के योद्धाओं का अनोखा सम्मान

0

प्रयागराज
 प्रयागराज महाकुंभ 2025 को स्वच्छ और सुंदर बनाने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संकल्प को साकार करने में मेला प्रशासन पूरी तत्परता से जुट गया है। लगभग 10 हजार सफाईकर्मी दिन रात पूरे महाकुंभ क्षेत्र को चमकाने के लिए लगाए गए हैं। ये सभी सफाईकर्मी सीएम योगी की मंशा के अनुरूप स्वच्छ महाकुंभ की दिशा में कार्य कर रहे हैं। महाकुंभ जैसे जैसे नजदीक आ रहा है, इनकी गतिविधियों में भी तेजी आ रही है। योगी सरकार भी इन कर्मियों की सुविधा और सम्मान का विशेष ध्यान रख रही है। स्वच्छ कुंभ कोष के माध्यम से इनके रहने, खाने-पीने और बच्चों के लिए निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था की जा रही है। योगी सरकार की इस पहल से न केवल महाकुंभ की स्वच्छता सुनिश्चित हो रही है, बल्कि सफाईकर्मियों और उनके परिवारों को शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक सुरक्षा भी मिल रही है।
सेनिटेशन कॉलोनी का निर्माण

महाकुंभ मेला की विशेष कार्याधिकारी आकांक्षा राणा ने बताया कि महाकुंभ को स्वच्छ महाकुंभ बनाने में सफाईकर्मियों का महत्वपूर्ण योगदान है। ये सफाईकर्मी दिन रात अपने काम में लगे हैं। ऐसे में सीएम योगी के निर्देशों के अनुरूप इनकी सुरक्षा और सुविधा की जिम्मेदारी का निर्वहन किया जा रहा है। मेला क्षेत्र में सफाईकर्मियों के लिए एक सैनिटेशन कॉलोनी बनाई गई है, जहां उनके खाने-पीने और रहने की पूरी व्यवस्था निःशुल्क की गई है। इस पहल से सफाईकर्मियों को आराम और सुरक्षा दोनों मिल रही है।
बच्चों के लिए प्राइमरी स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र

महाकुंभ में सफाईकर्मियों के बच्चों की शिक्षा का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है। हर सेक्टर में एक प्राइमरी स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र खोले जा रहे हैं। शुक्रवार को ही मेला क्षेत्र में एक प्राइमरी विद्यालय की स्थापना की गई है, जहां बच्चों को शिक्षा के साथ ही खेलकूद गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा। इन विद्यालयों में बच्चों को मिड डे मील जैसी सुविधाएं भी प्राप्त हों सकेंगी। जरूरत पड़ने पर कुछ सेक्टर्स में एक से ज्यादा प्राइमरी स्कूल भी स्थापित किए जा सकते हैं। ये सुविधाएं महाकुंभ के दौरान अस्थाई रूप से संचालित की जाएंगी।
मानदेय का डीबीटी के माध्यम से भुगतान

सफाईकर्मियों के मानदेय का भुगतान भी त्वरित गति से किया जा रहा है, ताकि उनकी दैनिक जरूरतें आसानी से पूरी हो सकें। तय व्यवस्था के अनुसार उनका निर्धारित मानदेय हर 15 दिन में डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके खाते में हस्तांतरित किया जा रहा है। महाकुंभ को सफल और स्वच्छ बनाने के लिए सफाईकर्मियों के लिए एक विशेष स्वच्छ कुंभ कोष की स्थापना की गई है। इसके माध्यम से सफाईकर्मियों को हर संभव सहायता दी जा रही है। साथ ही, केंद्र और राज्य सरकार की अन्य योजनाओं से भी इन्हें जोड़ने का प्रयास हो रहा है, ताकि वे सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त हो सकें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *