शिंदे गुट में बालासाहेब के पूर्व सहायकों की एंट्री, मातोश्री बोला- कुत्ते घुमाने वालों को भी लेंगे क्या?
ठाणे
बालासाहेब ठाकरे के करीबियों चंपा सिंह थापा और मेरेश्वर राजे के एकनाथ शिंदे गुट में चले जाने पर मातोश्री की ओर से प्रतिक्रिया सामने आई है। उद्धव गुट ने टिप्पणी की है कि मातोश्री के कई और भी कर्मचारी हैं और सफाईकर्मियों और कुत्तों को घुमाने वालों के किसी पार्टी के साथ शामिल होने से उनको कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है।
उद्धव ठाकरे गुट के नेता राजन विचारे ने शिंदे गुट में बालासाहेब के सहायकों के शिंदे गुट में शामिल होने की निंदा की। उन्होंने ठाणे में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि शहर में सर्वदलीय नवरात्रि समारोह लोगों की राजनीतिक घोषणाओं से प्रभावित हैं। देवी के जुलूस के बीच कुछ अपने गुट को बड़ा करने में आमादा हैं।
दरअसल, सीएम एकनाथ शिंदे ने सोमवार को तेम्बी नाका नवरात्रि जुलूस का नेतृत्व करते हुए कलवा से टेम्बी नाका तक पैदल ही यात्रा को पूरा किया। तेम्बी नाका में शिंदे ने थापा और राजे सहित पार्टी में कुछ नए लोगों को शामिल करने की घोषणा की, जो दिवंगत बालासाहेब ठाकरे के करीबी माने जाते थे।
क्या हासिल करेंगे शिंदे
ठाकरे गुट के प्रवक्ता चिंतामणि कारखानिस ने कहा, “तेम्बी नाका में नवरात्रि समारोह में सभी दलों की भागीदारी देखी गई थी, पहले कभी भी समारोहों का राजनीतिकरण नहीं किया गया है। इससे उलट सोमवार को सीएम ने देवी मां के इस समारोह को अपने राजनीतिक एजेंडे के मंच के रूप में इस्तेमाल किया। उन्होंने थापा और राजे को भी शामिल करने की घोषणा की। दोनों बालासाहेब के पूर्व सहायक थे लेकिन, मातोश्री में शिवसेना पार्टी में कार्यरत नहीं हैं। ऐसा करके सीएम क्या हासिल करना चाहते थे?”
कुत्ते घुमाने वाले भी हैं, उन्हें भी अपनी पार्टी में जोड़ेंगे?
उन्होंने आगे कहा कि ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने दिवंगत ठाकरे के साथ सहायक और सहायक के रूप में काम किया और अभी भी मातोश्री में हैं। “राजे को खुद बालासाहेब ने हटा दिया था, जबकि थापा बालासाहेब के निधन के बाद नेपाल रवाना हो गए थे। ऐसे और भी कई कर्मचारी हैं। रसोइया, सफाईकर्मी, डॉग वॉकर और सुरक्षा गार्ड। क्या सीएम का गुट उन सभी को एक-एक करके पार्टी में बुलाएंगे? इससे मातोश्री का पतन नहीं होने वाला।
सीएम उन्हें अपने कार्यालय या घर पर पार्टी में आमंत्रित कर सकते थे, नवरात्रि के जुलूसों के बीच में ऐसा करना उत्सव को कलंकित करना है। मुख्यमंत्री के पास इस स्तर की राजनीति करने के बजाय राज्य में निपटने के लिए अधिक महत्वपूर्ण मुद्दे हैं।” चिंतामणि ने कहा कि उनका ध्यान अब ठाणे में पार्टी के पुनर्निर्माण पर है और कुछ जो पहले उनसे जुड़ने से डरते थे, अब धीरे-धीरे मूल शिवसेना में वापस आ रहे हैं।
शिंदे गुट का जवाब
ठाणे के पूर्व मेयर और शिंदे समर्थक नरेश म्हस्के ने जवाबी टिप्पणी की, “मुख्यमंत्री पर टिप्पणी करने वाले चिंतामणि कौन हैं? उन्होंने वार्ड स्तर का चुनाव भी नहीं जीता है और ठाणे के लोगों के बीच एक जाना माना चेहरा भी नहीं है। अगर उन्हें मातोश्री से इतना प्यार है तो इतने सालों में ये लोग कहां थे? तेम्बी नाका समारोह की शुरुआत दीघे ने की थी जो एक शिव सैनिक थे और उत्सव हमेशा शिवसेना के ही होते थे। यह हमारे हिंदुत्व आंदोलन का उत्सव है, वर्षों से शिंदे ने समारोह को संभाला है और वह ऐसा करना जारी रखेंगे।”