November 24, 2024

MP में उपार्जन नीति घोषित, इस दिन से शुरू होगी धान, ज्वार और बाजरा की खरीदी

0

भोपल

मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) ने आगामी खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर धान, ज्वार और बाजरा की उपार्जन नीति घोषित कर दी है. सरकार धान 2300, ज्वार 3371 और बाजरा 2625 रुपये क्विंटल MSP की दर पर खरीदेंगी. समर्थन मूल्य पर ज्वार और बाजरा की 22 नवंबर और धान की ख़रीदी 2 दिसंबर से की जाएगी.

इन अफसरों को दिए गए निर्देश

खाद्य व नागरिक आपूर्ति विभाग के मंत्री गोबिन्द सिंह राजपूत ने प्रदेश के कलेक्टर, नागरिक आपूर्ति निगम और वेयर हाउसिंग कॉरपोरेशन के अफ़सरों को निर्देश दिए हैं. साथ ही लापरवाही मिलने पर उपार्जन कार्य से जुड़े अधिकारी कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी. उपार्जन केंद्रों का निर्धारण किसानों की सुविधा के अनुसार किया जाएगा, जिनकी प्राथमिकता गोदाम और कैप परिसर में होगी.

किसानों की सुविधा अनुसार होगा उपार्जन केन्द्रों का निर्धारण

मंत्री श्री राजपूत ने बताया कि उपार्जन केन्द्र के स्थान का निर्धारण किसानों की सुविधा अनुसार किया जाएगा। उपार्जन केन्द्र प्राथमिकता से गोदाम/केप परिसर में स्थापित किए जाएंगे। गोदाम/केप उपलब्ध न होने पर समिति एवं अन्य स्तर पर उपार्जन केन्द्र स्थापित किए जा सकेंगे। जिले में उपार्जन केन्द्रों की संख्या का निर्धारण किसान पंजीयन, पंजीयन में दर्ज बोया गया रकबा एवं विगत वर्ष निर्धारित उपार्जन केन्द्रों के आधार पर राज्य उपार्जन समिति द्वारा किया जाएगा।

यह होंगी उपार्जन करने वाली संस्थाएँ

उपार्जन कार्य सहकारी समितियां, बहुउद्देश्यीय प्राथमिक कृषि सहकारी संस्थाएँ, ब्लाक स्तरीय विपणन सहकारी संस्थाएँ, जिला थोक उपभोक्ता भण्डार, महिला स्व-सहायता समूह एवं क्लस्टर लेवल फेडरेशन, उपार्जन कार्य करने के लिए सहमति देने वाली अन्य संस्थाओं को दिया जा सकेगा। संस्थाओं की पात्रता का निर्धारण विभाग द्वारा किया जाएगा।

बारदाना व्यवस्था

समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन के लिये 46 प्रतिशत पुराने और 54 प्रतिशत नवीन जूट बारदाने उपयोग किये जायेंगे। बारदानों की व्यवस्था उपार्जन एजेंसी द्वारा की जायेगी। ज्वार एवं बाजरे का उपार्जन नवीन जूट बारदानों में किया जायेगा।

केन्द्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा धान, ज्वार एवं बाजरा के समर्थन मूल्य पर उपार्जन के लिये निर्धारित यूनिफार्म स्पेसिफिकेशन्स के अनुसार एवं समय-समय पर इसमें दी गई शिथिलता के अनुसार उपार्जन किया जायेगा। गुणवत्ता परीक्षण का दायित्व उपार्जन केन्द्र में उपार्जन करने वाली संस्था और भण्डारण स्थल पर उपार्जन एजेंसी का होगा। कृषि उपज मण्डियों में एफएक्यू मानक की धान, ज्वार एवं बाजरा की खरीदी समर्थन मूल्य से कम पर क्रय नहीं किया जायेगा। नॉन एफएक्यू उपज का सैम्पल कृषि उपज मण्डी द्वारा संधारित किया जायेगा। किसान पंजीयन में दर्ज फसल के रकबे एवं राजस्व विभाग द्वारा तहसीलवार निर्धारित उत्पादकता के आधार पर कृषक द्वारा खाद्यान्न की विक्रय योग्य अधिकतम मात्रा का निर्धारण किया जायेगा। कृषक द्वारा उपज बेचने के लिये उपार्जन केन्द्र एवं विक्रय दिनांक के चयन के लिये www.mpeuparjan.nic.in पर स्लॉट बुकिंग करानी होगी। उपार्जित खाद्यान्न का उपार्जन केन्द्र से गोदाम तक परिवहन का दायित्व उपार्जन एजेंसी का और धान को उपार्जन केन्द्र/गोदाम से सीधे मिलर्स तक परिवहन का दायित्व मिलर्स का होगा।

पंजीकरण और बोए गए रकबे के आधार पर होगा उपार्जन केंद्रों का निर्धारण

यदि जहां गोदाम या कैप उपलब्ध नहीं है वहां अन्य स्थलों पर भी उपार्जन केंद्र स्थापित किए जाएंगे. उपार्जन केंद्रों की संख्या का निर्धारण किसानों के पंजीकरण और बोए गए रकबे के आधार पर किया जाए. उपार्जन कार्य के लिए सहकारी समितियां, बहुउद्देश्यीय प्राथमिक कृषि सहकारी संस्थाएं, महिला स्व-सहायता समूह और अन्य संस्थाएं शामिल की जाएंगी. इन संस्थाओं की पात्रता का निर्धारण विभाग द्वारा किया जाएगा.

जूट बारदाने का किया जाएगा उपयोग

समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन के लिए 40 प्रतिशत पुराने और 54 प्रतिशत नवीन जूट बारदाने का उपयोग किया जाएगा. धान, ज्वार और बाजरा की गुणवत्ता परीक्षण का दायित्व उपार्जन केंद्र और भंडारण स्थल पर उपार्जन एजेंसियों का होगा. वहीं ज्वार और बाजरा का उपार्जन नवीन जूट बारदानों में किया जाएगा.

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed