भारत के पास 5 हजार साल की सांस्कृतिक विरासत- उपराष्ट्रपति धनखड़, कलाकारों को दिए राष्ट्रीय अलंकरण सम्मान
उज्जैन
उज्जैन में 66वें अखिल भारतीय कालिदास समारोह का शुभारंभ उप राष्ट्रपति जगदीश धनखड़ ने किया। उन्होंने अलग-अलग क्षेत्रों के कलाकारों को कालिदास राष्ट्रीय अलंकरण सम्मान दिए।
उन्होंने जय महाकाल ने अपने भाषण की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि भारत जैसा कोई दूसरा देश नहीं है, जहां ऐसी सांस्कृतिक विरासत हो। जो देश और समाज अपनी संस्कृति और सांस्कृतिक धरोहर को संभालकर नहीं रखता, वो ज्यादा दिन नहीं टिकता है। उपराष्ट्रपति ने जय महाकाल कहकर ही भाषण समाप्त किया।
अखिल भारतीय कालिदास समारोह के शुभारंभ से पहले बच्चों ने सांस्कृतिक प्रस्तुति दी।मंच पर उनके साथ राज्यपाल मंगूभाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव , संस्कृति, पर्यटन एवं धार्मिक न्यास राज्य मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी, कौशल विकास एवं रोजगार राज्यमंत्री व उज्जैन जिले के प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल मौजूद हैं। सारस्वत अतिथि रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास अयोध्या के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंददेव गिरी जी महाराज भी आए हुए है।।
इन लोगों को दिया गया राष्ट्रीय अलंकरण सम्मान
- शास्त्रीय संगीत: पुणे के पं. उदय भवालकर, मुंबई के पं. अरविंद पारीख
- शास्त्रीय नृत्य: मुंबई की डॉ. संध्या पुरेचा, मणिपुर की गुरु कलावती देवी
- रूपंकर कला: दिल्ली के पीआर दारोच, मैसूर के रघुपति भट्ट
- रंगकर्म: राजस्थान के भानु भारती, कोलकाता के रुद्र प्रसाद सेनगुप्ता
- राष्ट्रीय कालिदास श्रेष्ठ कृति अलंकरण: इंदौर के आचार्य मिथिलाप्रसाद त्रिपाठी
- प्रादेशिक भोज श्रेष्ठ कृति अलंकरण: ग्वालियर के आचार्य बालकृण शर्मा
7 दिन तक चलेगा समारोह 7 दिन तक चलने वाले समारोह का समापन 18 नवंबर को होगा। इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। राष्ट्रीय स्तर की कालिदास चित्र और मूर्तिकला प्रदर्शनी लगाई गई है। प्रदर्शनी सुबह 10 बजे से रात 8 बजे तक देख सकेंगे।