November 24, 2024

डीएम बुलेट पर आगे और पीछे बैठे एसएसपी, एक बार फिर से देखीं शहर की व्यवस्थाएं

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देहरादून.
जिलाधिकारी सविन बंसल और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह 15 सितंबर के बाद एक बार फिर बुलेट पर सवार हुए और शहर की नब्ज टटोली। इस बार भी उन्होंने स्वयं मोटरसाइकिल थामी और पीछे एसएसपी को बैठाया। जिलाधिकारी (डीएम) और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) के काफिले ने शहर के बड़े हिस्से का भ्रमण कर सड़कों पर यातायात व्यवस्था, अतिक्रमण, पार्किंग, सुंदरीकरण, ड्रेनेज और चौराहों की दशा का जायजा लिया। इसके साथ ही महिला सुरक्षा और सुविधा के दृष्टिगत पिंक बूथ और पिंक टायलेट निर्माण की संभावनाओं को भी टटोला।

सोमवार को जिलाधिकारी सविन बंसल और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह का काफिला घंटाघर से रवाना हुआ। यहां से अधिकारी एमकेपी चौक, आराघर होते हुए रिस्पना पुल पहुंचे। इसके बाद हरिद्वार बाईपास रोड पर कारगी चौक, आइएसबीटी का निरीक्षण करते हुए लालपुल, सहारनपुर चौक और प्रिंस चौक तक का जायजा लिया गया। इस दौरान विभिन्न स्थलों पर जिलाधिकारी ने अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ विभिन्न व्यवस्था को लेकर विचार विमर्श किया और बेहतरी के प्रस्ताव मांगे। शहर भ्रमण के दौरान सिटी मजिस्ट्रेट प्रत्यूष सिंह, एसपी ट्रैफिक मुकेश कुमार समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी शामिल रहे।

तीन जगह पिंक बूथ और एक स्थल पर बनेगा पिंक टॉयलेट
अपने पिछले शहर भ्रमण में जिलाधिकारी ने पलटन बाजार में महिला सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए सीएनआइ कालेज चौक पर पिंक बूथ का निर्माण करवाया था। साथ ही पलटन बाजार क्षेत्र में 15 से अधिक उच्च क्षमता वाले सीसीटीवी कैमरे लगाने का कार्य भी गतिमान है। अब जिलाधिकारी शहर के बाकी हिस्सों में भी महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए गांधी पार्क, एमकेपी चौक और लालपुल पर पिंक बूथ की संभावना देखी। साथ ही लालपुल पर पुलिस बूथ पर पिंक टॉयलेट के निर्माण के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि पुलिस प्रस्ताव बनाकर दे और शीघ्र बज्र स्वीकृत किया जाएगा।

जलभराव के तीन स्थलों का होगा समाधान, मांगे प्रस्ताव
जिलाधिकारी के संज्ञान में आया कि रिस्पना पुल, प्रिंस चौक और आइएसबीटी पर वर्षाकाल में जलभराव की समस्या बढ़ जाती है। जनता को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए जिलाधिकारी ने लोनिवि और राजमार्ग के अधिकारियों से प्रस्ताव उपलब्ध कराने को कहा। ताकि अगले मानसून सीजन से पहले समस्या को दूर किया जा सके।

आईएसबीटी पर विकट होते हैं हालात
मानसून सीजन में शहर का प्रवेश स्थल आईएसबीटी पानी-पानी नजर आता है। आईएसबीटी फ्लाईओवर की एक सर्विस लेन (देहरादून शहर की तरफ वाली) की हालत स्विमिंग पूल जैसी नजर आती है। यहां सुधार के अब तक जो भी प्रयास किए गए, वह असफल साबित हुए। क्योंकि, यहां न सिर्फ सर्विस लेन संकरी है, बल्कि नाले का आकार छोटा है। जिसके चलते इस भाग पर पानी ओवरफ्लो होकर सड़क पर आ जाता है। इससे निजात पाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग खंड देहरादून ने बीते वर्ष 27 करोड़ रुपए का प्रस्ताव तैयार किया था, लेकिन भी नहीं मिल पाया।

जलभराव की समस्या के लिए होगा निदान
यहां पर जब तक नाले का आकार नहीं बढ़ा दिया जाता, तब तक जलभराव से पूरी तरह निजात मिल पाना संभव नहीं है। इसके लिए सर्विस लेन को चौड़ा कर नाले को भी भीतर की तरफ शिफ्ट करना पड़ेगा। भीतर की तरफ ऊर्जा निगम का बिजली घर है और तमाम भूमिगत लाइनें भी हैं। लिहाजा, ऊर्जा निगम की जमीन का अधिग्रहण करना पड़ेगा। इसी तरह मोहब्बेवाला की तरफ राजा राम मोहन राय एकेडमी की भूमि के भी कुछ हिस्से के अधिग्रहण की जरूरत पड़ेगी। यह कार्य दो चरणों में किया जा सकता है। लिहाजा, इस प्रस्ताव पर आगे बढ़ने के लिए करीब 27 करोड़ रुपए के बजट की जरूरत पड़ेगी।

इसलिए नाले को चौड़ा करना जरूरी
वर्तमान में जो नाला सर्विस रोड से गुजर रहा है, उसका आकार 01 गुणा 01 मीटर है। अधिकारियों के मुताबिक इस नाले का निर्माण करीब 15 साल पहले किया गया था। इस अवधि में ने सिर्फ शहर का घनत्व बढ़ा है, बल्कि नाले में पानी का प्रवाह भी बढ़ा है। इसलिए नाले का आकार अब कम से कम 1.5 गुणा 1.5 मीटर करना होगा।

आइएसबीटी चौक होगा चौड़ा, जमीन का होगा अधिग्रहण
आइएसबीटी चौक पर जिस तरह चौतरफा वाहनों का दबाव देखने को मिलता है, उसके हिसाब से इसकी चौड़ाई अपर्याप्त नजर आती है। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी सविन बंसल ने भी इस बात को महसूस किया। उन्होंने लोनिवि और राजमार्ग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह चौक क्षेत्र में जहां भी चौड़ीकरण के लिए जमीन अधिग्रहण की जरूरत है, उसका प्रस्ताव तैयार किया जाए।

पूर्व में भी इस तरह की बात आई थी, लेकिन बात चर्चा तक सीमित रह गई। तब राजमार्ग देहरादून खंड के अधिकारियों ने आइएसबीटी क्षेत्र में सुगम यातायात के लिए दूसरी तरफ की सर्विस लेन से लगी दुकानों को शिफ्ट करने की आवश्यकता पर बल दिया था। ताकि यहां से बाईपास रोड के विकल्प पर आगे बढ़ा जा सके।

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