दलालों का नेटवर्क नहीं टूट पा रहा, ऐसे करते हैं तत्काल टिकटों पर ‘खेल’; विजिलेंस की टीम ने किया खुलासा
अंबाला.
कंफर्म टिकट एक राज्य से दूसरे राज्य में पहुंचाने वाले दलालों का नेटवर्क पूरे देश में फैल चुका है। रेलवे की तमाम एजेंसियां दलालों के नेटवर्क को तोड़ने के लिए नियम लागू करता हैं, तो दलाल नया रास्ता निकाल लेते हैं। टिकट को उसी दिन यात्री तक पहुंचाने के लिए एयर कारगो (कोरियर) का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। एक और बड़ा मामला सामने आया है कि कंफर्म टिकट की रंगीन कॉपी निकाल ली जाती है। चंडीगढ़ के दलालों का नेटवर्क मुंबई और श्रीनगर के कुपवाड़ा और पुलवामा तक तथा उत्तर प्रदेश के कई जिलों तक पकड़ में आ चुका है।
तत्काल टिकटों पर खेला जाता है ये खेल
यह सारा खेल अधिकतर तत्काल टिकटों पर ही खेला जा रहा है। इसके लिए यात्रियों से मुंहमांगी राशि वसूल ली जाती है। उत्तर रेलवे की विजिलेंस जांच में श्रीनगर से उत्तर प्रदेश और चंडीगढ़ से मुंबई तक सक्रिय दलालों के टिकट सामने आ चुके हैं। श्रीनगर के कुपवाड़ा और पुलवामा से तत्काल के टिकट उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और लखनऊ के लिए बनाए गए।
ऐसे होता है टिकटों का खेल
टिकटों के प्रिंट तो इन दोनों स्टेशन पर निकाला जाता है, लेकिन यात्रियों का सफर हजारों किलोमीटर दूर लखनऊ व गोरखपुर से करना होता है। ऐसे में वाट्सएप से टिकट का फोटो भेज दिया जाता है। दोनों शहरों में टिकट की रंगीन कॉपी निकाल ली जाती है। इस तरह का खेल कई स्टेशनों चल रहा है। विजिलेंस ने असली और रंगीन प्रिंट से निकाले दोनों टिकटों को देखा, दोनों एक जैसी दिखती हैं। टिकट चेकिंग स्टाफ इन टिकटों को पहली नजर में पकड़ नहीं पाता।
एक टिकट पर छह यात्रियों की बुकिंग
एक टिकट पर छह यात्रियों के टिकट बुक कराने का प्रविधान है। दलाल अधिकतर ऐसे स्टेशनों या फिर बाहर डाकघर, यूनिवर्सिटी आदि को तलाशते हैं, जहां पर यात्रियों की संख्या काफी कम हो। इन जगहों पर दलाल साठगांठ कर लेते हैं और फिर तत्काल टिकटों को अपने नेटवर्क से आगे बढ़ाते हैं। यह खेल रोजाना देश के कई राज्यों में खेला जा रहा है, जिसे तोड़ने के लिए रेलवे की तमाम एजेंसियां जुट गई हैं।
वीआइपी कोटे के टिकट भी चेक करने के आदेश
दलालों के टिकट वीआइपी कोटे से भी कंफर्म हो जाते हैं। इसलिए रेलवे ने टिकट चेकिंग स्टाफ को निर्देश दिए हैं कि जिन टिकटों को वीआइपी कोटे से कंफर्म किया जाता है, उनको चेक करें। सामान्य तौर पर स्लीपर और एसी क्लास में वीआइपी कोटे से कंफर्म होने वाले टिकटों के सीट नंबर पहले से जारी होते हैं। टिकट चेकिंग स्टाफ को पता होता है कि इन सीटों पर वीआईपी कोटे से कंफर्म टिकट वाले यात्री ही सफर करते हैं। इसलिए टिकट चेकिंग स्टाफ सिर्फ आइडी देखकर ही आगे बढ़ जाते हैं। ऐसा मामला भी सामने आया है, जिसमें एक टिकट वीआइपी कोटे से कंफर्म थी।
चंडीगढ़ से मुंबई प्लेन से भेजे जा रहे रेलवे टिकट
दलालों का नेटवर्क इस तरह से सक्रिय है कि चंडीगढ़ से मुंबई हवाई जहाज के माध्यम से टिकट भेजा जाता है। न्यू जलपाइगुड़ी से तिरुअनंतपुरम, कल्याण से शाहगंज, लोकमान्य तिलक टर्मिनस से वाराणसी, हावड़ा से चेन्नई, मंसूरपुर से चेन्नई आदि स्टेशनों के टिकटों को चंडीगढ़ से जहाज से भेजना था। इससे पहले ही विजिलेंस ने टिकटों को जब्त कर इन पर यात्रा करने वाले यात्रियों के टिकट रद्द कर दिए।