November 25, 2024

दो माह पूर्व से बरती जा रही सतर्कता से लंपी मुक्त हैं प्रदेश की गौशालाएँ

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भोपाल

राज्य गौ-संवर्धन बोर्ड की कार्य-परिषद के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि ने कहा कि पड़ौसी राज्य राजस्थान और गुजरात में लंपी चर्मरोग फैलने की जानकारी मिलते ही प्रदेश की गौशालाओं में दो माह पूर्व से ही पशु स्वास्थ्य शिविर और टीकाकरण प्रारंभ कर दिये गये थे। यही कारण है कि देशकी सर्वाधिक गौशाला वाले मध्यप्रदेश की किसी भी गौशाला में एक भी लंपी चर्मरोग प्रभावित पशु नहीं है। लंपी की चुनौती बड़ी है, परंतु पहले से जारी प्रयासों और सतर्कता बरतने के चलते मध्यप्रदेश हतोत्साहित नहीं है।

स्वामी गिरि ने मंगलवार को सेवा पखवाड़ा में भोपाल की महामृत्युंजय गौशाला में पशु स्वास्थ्य शिविर, स्वच्छता, टीकाकरण कार्यक्रम में उक्त बात कही। अपर मुख्य सचिव पशुपालन एवं डेयरी जे.एन. कंसोटिया, संचालक डॉ. आर.के. मेहिया, गौशाला संचालक व्यास, प्रशासनिक अधिकारी, जन-प्रतिनिधि, पशु चिकित्सक और बड़ी संख्या में गौ-सेवक मौजूद थे।

लंपी प्रभावित गौवंश को मनरेगा की खाली गौशाला में करें क्वारेंटाइन

स्वामी अखिलेश्वरानंद ने कार्यक्रम में मौजूद अतिरिक्त कलेक्टर दिलीप यादव से कहा कि सड़कों पर बैठने वाले अनेक पशुओं में लंपी का प्रकोप देखा गया है। ऐसे पशुओं को मनरेगा के तहत बनने वाली खाली गौशालाओं में क्वारेंटाइन कर इलाज की पर्याप्त व्यवस्था की जाये, ताकि अन्य पशुओं में यह रोग न फैले। स्वामी गिरि और अपर मुख्य सचिव कंसोटिया ने सेवा पखवाड़े के दौरान निर्धारित कार्यक्रम में गौशालाओं में साफ-सफाई, रंग-रोगन अभियान का भी शुभारंभ किया।

अपर मुख्य सचिव कंसोटिया ने कहा कि सेवा पखवाड़ा में प्रदेश की गौशालाओं में गौसेवा कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। इनमें गौ-पूजन, गौशालाओं में गायों को गुड़, हरा चारा, लाप्सी का सेवन, पशु उपचार, साफ-सफाई, रंग-रोगन के लिये श्रमदान, पंचगव्य आधारित गौ-उत्पादों के क्रय-विक्रय के लिये स्टाल लगाना और उत्पादों का व्यापक प्रचार-प्रसार, गौशालाओं को आत्म-निर्भर बनाने के लिये पंचगव्य आधारित उत्पाद ओर गौवंश की महत्ता पर संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। लंपी रोग से बचाने में साफ-सफाई का महत्वपूर्ण योगदान है।

गौशाला को दान

स्वामी अखिलेश्वरानंद ने लोगों से अपील की कि वे गाय के निमित्त रोज 10 रूपये निकालें। यह राशि एक साल में 3600 रूपये हो जायेगी, जिसे बोर्ड के www.gopalanboard.mp.gov.in/donation पोर्टल पर दान दे सकते हैं। अगर प्रदेश के ऐसे एक करोड़ लोग राशि देते है तो वह 3 हजार 650 करोड़ रूपये हो जायेगी। इससे प्रदेश में गौ-स्थिति का परिदृश्य ही बदल जायेगा और देश के लिये भी एक आदर्श मार्गदर्शन बन सकता है। उन्होंने कहा कि वह अपना मासिक मानदेय गौशाला को दान देते हैं।

कार्यक्रम में गौ-सेवक शंकर बंजारा, महेश सराठे और तखत सिंह को उत्कृष्ट कार्यों के लिये सम्मानित किया गया। कोकता और आगर-मालवा के मौजूद पार्षदों ने अपने अनुभव साझा किये और महत्वपूर्ण सुझाव दिये। कार्यक्रम का संचालन डॉ. विनीत तिवारी ने और आभार डॉ. अजय रामटेके ने किया।

 

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