राजस्थान-शाहपुरा में जलझूलनी एकादशी के जुलूस पर मस्जिद से पत्थरबाजी का विरोध, फल-सब्जी विक्रेताओं ने भी रखा बंद
शाहपुरा.
भीलवाड़ा संसदीय क्षेत्र के शाहपुरा जिले के जहाजपुर कस्बे में बीते चार दिनों से सर्व हिंदू समाज का धरना-प्रदर्शन जारी है। दो माह पूर्व जलझूलनी एकादशी पर बेवाण के धार्मिक जुलूस पर समुदाय विशेष के धर्मस्थल से पत्थरबाजी की घटना को लेकर शुरू हुए इस आंदोलन ने अब व्यापक रूप ले लिया है। शनिवार को महिलाओं और युवाओं के प्रदर्शन के बाद आज रविवार को जहाजपुर के सब्जी और फल विक्रेताओं ने भी जहाजपुर बंद का समर्थन कर दिया है। इसके चलते जहाजपुर में सब्जी और फल की आपूर्ति पूरी तरह ठप हो गई है।
प्रदर्शन का असर अब व्यापारिक गतिविधियों पर भी पड़ने लगा है। व्यापारी अपने प्रतिष्ठान बंद कर आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं। रविवार को सब्जी और फल विक्रेताओं ने भी बंद का समर्थन कर दिया, जिससे कस्बे में सब्जी और फल मिलना बंद हो गया है। यह पूरा मामला करीब दो महीने पहले जलझूलनी एकादशी के दौरान पीतांबर श्याम के धार्मिक जुलूस पर मस्जिद के भीतर से हुए पत्थरबाजी से शुरू हुआ था। इस घटना के बाद हिंदू संगठनों ने प्रशासन से ठोस कार्रवाई की मांग की थी लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाने से हिंदू संगठनों में भारी आक्रोश व्याप्त हो गया। हिंदू संगठनों ने प्रशासन के समक्ष 14 सूत्रीय मांगें रखी थीं, जिनमें जुलूस पर पत्थरबाजी के आरोपियों की गिरफ्तारी और सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करना शामिल था। प्रशासन की ओर से इन मांगों पर अब तक ठोस कार्रवाई नहीं होने के कारण यह आंदोलन लगातार तेज होता जा रहा है। शनिवार को महिलाओं ने थाने के बाहर रैली निकालकर प्रदर्शन किया था। देर रात युवाओं ने कैंडल मार्च निकाला और मोबाइल टॉर्च जलाकर विरोध जताया। प्रदर्शनकारियों ने काली पट्टी बांधकर मुख्य मार्ग से रैली निकाली और थाने का घेराव भी किया। कस्बे में इस आंदोलन के चलते राजनीतिक हलचल भी तेज हो गई है। यह क्षेत्र भीलवाड़ा लोकसभा सीट के सांसद दामोदर अग्रवाल का गृह क्षेत्र है। केंद्र और प्रदेश में भाजपा की सरकार होने के बावजूद आंदोलन जारी रहने से सियासी चर्चाएं गरमा गई हैं। शनिवार देर रात जहाजपुर विधायक गोपीचंद मीणा ने धरना स्थल पहुंचकर प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की और प्रशासन की कार्रवाई का विवरण साझा किया। हालांकि प्रदर्शनकारियों ने उनकी बातों से असहमति जताई और आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि पत्थरबाजी की घटना के बाद प्रशासन ने गंभीरता नहीं दिखाई। वहीं शाहपुरा एसपी धर्मेंद्र सिंह ने शनिवार को जहाजपुर थाना अधिकारी नरपत राम को हटाकर मनीष देव को नया थाना अधिकारी नियुक्त किया है। उन्होंने कार्यभार संभालने के बाद पिछले दो महीने की कार्रवाई का विवरण साझा किया, लेकिन प्रदर्शनकारियों का गुस्सा अभी शांत नहीं हुआ है। विहिप के जिला मंत्री शशिकांत पत्रिया व बजरंगदल के जिला संयोजक श्यामलाल गुर्जर का कहना है कि जब तक प्रशासन उनकी 14 सूत्रीय मांगों को पूरा नहीं करता, आंदोलन जारी रहेगा। बजरंग दल के अध्यक्ष श्याम गुजर ने कहा, यह आंदोलन हिंदू समाज की अस्मिता और न्याय के लिए है। हमारी मांगें पूरी होने तक हम शांत नहीं बैठेंगे। आंदोलन में महिलाओं की भागीदारी ने इसे और व्यापक बना दिया है। प्रदर्शन में शामिल मायादेवी ने कहा कि हम अपने हक और सम्मान के लिए यहां खड़े हैं। प्रशासन की उदासीनता अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। धरने और रैलियों के कारण कस्बे में तनाव का माहौल है। प्रशासन ने स्थिति को संभालने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया है। जहाजपुर का यह आंदोलन केवल धार्मिक मुद्दा नहीं रह गया है, बल्कि यह प्रशासनिक उदासीनता और सामाजिक असंतोष का प्रतीक बन चुका है। अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस समस्या का समाधान कैसे करता है और कस्बे में शांति बहाल करने के लिए क्या कदम उठाता है।