November 18, 2024

आधार चुराकर बैंक खाते खुलवाये, सभी खाते ठगों को बेचे, 7 चेहरों से खोले 500 बैंक खाते… 400 बच्चों के आधार का भी इस्तेमाल

0

भोपाल
 भोपाल में तीन दिन पहले एक युवक और युवती मोबाइल की दुकान पर सिम लेने पहुंचे थे। इस दौरान हनुमानगंज थाना पुलिस को मुखबिर से जानकारी मिली थी, आरोपितों के पास अलग-अलग पते और व्यक्तियों के आधार कार्ड थे।

आधार कार्ड पर इन्हीं युवक-युवती की फोटो तो एक सी है, लेकिन नाम-पता अलग-अलग था। इसके बाद फर्जी दस्तावेज तैयार कर उनसे विभिन्न शहरों में बैंक खाते खुलवाकर कमीशन पर साइबर ठगों को देने वाले बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। एक महिला समेत सभी सात आरोपित बिहार के हैं। इनमें से दो युवक चौथी-पांचवीं तक ही पढ़े हैं।

पुलिस ने बरामद किया आधार कार्ड, एटीएम कार्ड
पुलिस ने इनके पास से बड़ी संख्या में आधार कार्ड, एटीएम कार्ड, पैन कार्ड, सिम कार्ड, 20 मोबाइल फोन, दो प्रिंटर, एक लैपटाप, एक पेनड्राइव और हिसाब-किताब का रजिस्टर बरामद किया है। पूछताछ में पता चला कि गिरोह एक शहर में एक-दो माह रुकता था।

अभी तक ये लोग फर्जी दस्तावेजों से देश भर में 1800 बैंक खाते खोल चुके हैं। इनमें से 120 एक महीने में भोपाल में खोले गए हैं। खाते बैंक आफ महाराष्ट्र, आईडीबीआई, एसबीआई आदि में खोले गए हैं। पुलिस कमिश्नर हरिनारायणाचारी मिश्र ने बताया कि तीन दिन पहले एक युवक-युवती मोबाइल की दुकान पर सिम लेने पहुंचे थे।

खाता खुलवाने के लिए 2 हजार रुपये देता था युवक
इनके पास अलग-अलग व्यक्तियों के आधार कार्ड थे, जिन पर युवक-युवती की फोटो तो एक जैसी है, लेकिन नाम-पता अलग-अलग हैं। गिरोह का सरगना शशिकांत है, जो फर्जी दस्तावेज से खाता खुलवाने पर अपने साथियों को दो हजार रुपये देता था।

इस तरह काम करता था गिरोह
शशिकांत देवघर झारखंड से आधार कार्ड का डाटा लेता था। आधार कार्ड से पता करके जिनका पैन कार्ड नहीं बना होता है, उसका पैनकार्ड ऑफलाइन बनवाता था। इसके बाद सपना, अंकित, कौशल, रोशन, रंजन एवं टीटू की उम्र के आधार पर उन आधार और पैन कार्ड में उनकी फोटो बदल देता था।

तीन-चार महीने में शहर बदल देते थे आरोपी
पुलिस से बचने के लिए आरोपी तीन-चार महीने में शहर और लड़कों को बदल देते थे। ये लोग अभी तक लखनऊ, इंदौर, हैदराबाद में फर्जी बैंक खाते खुलवाकर कई घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं। डीसीपी जोन- तीन रियाज इकबाल ने बताया कि गिरोह ने एक महीने पहले इब्राहिमगंज में खुद को कपड़ा व्यापारी बताकर फ्लैट किराए पर लिया था।

आधार देने वाले डाकिये की तलाश गिरोह से 7 डायरियां जब्त की गई हैं। इनमें खाते खरीदने वालों के नाम भी हैं। पूछताछ में शशिकांत ने खुलासा किया कि उसने कई गिरोह के साथ रहकर यह काम सीखा। पुलिस शशिकांत का बैकग्राउंड खंगाल रही है। सही पते पर नहीं पहुंचने वाले आधार इस गिरोह को देने वाले झारखंड के डाकिये की भी तलाश में पुलिस जुट गई है।

आधार देने वाले डाकिये की तलाश गिरोह से 7 डायरियां जब्त की गई हैं। इनमें खाते खरीदने वालों के नाम भी हैं। पूछताछ में शशिकांत ने खुलासा किया कि उसने कई गिरोह के साथ रहकर यह काम सीखा। पुलिस शशिकांत का बैकग्राउंड खंगाल रही है। सही पते पर नहीं पहुंचने वाले आधार इस गिरोह को देने वाले झारखंड के डाकिये की भी तलाश में पुलिस जुट गई है।

200 खातों के दस्तावेज तैयार थे सरगना ने पुलिस को बताया कि खाता खुलवाने में 2 से 3 दिन का समय लगता था। 15 दिन बाद उसके पास एटीएम कार्ड आ जाता था। एटीएम आते ही खाता बेच देता था। गिरोह के पास से जब्त दस्तावेजों से पता चला है कि गिरोह 200 बैंक खाते खुलवाने की तैयारी में था। इसके लिए फर्जी दस्तावेज तैयार कर लिए गए थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *