कंबोडिया में युवकों की ट्रेनिंग, रोजाना 150 करोड़ की ठगी, गिरोह के खौफनाक इरादे जान उड़े अफसरों के होश
पलवल.
चाइनीज कंपनी द्वारा देशभर में की जा रही करोड़ों की साइबर ठगी का भंडाफोड़ हुआ है। पलवल की साइबर पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी गिरोह का भंडाफोड़ कर विभिन राज्यों से 11 ठगों को गिरफ्तार किया है।
डिजिटल अरेस्ट करने के लिए लिया था प्रशिक्षण
पुलिस के अनुसार, ठगों ने कंबोडिया में चाइनीज कंपनी से प्रशिक्षण लिया, जिसमें इन्हें डिजिटल अरेस्ट समेत अन्य तरह की ठगी सिखाई गई। अभी तक उक्त युवकों द्वारा की गई 70 करोड़ की ठगी का पता चला है।
साइबर थाना पुलिस ने किया है खुलासा
डीएसपी विशाल कुमार और साइबर थाना प्रभारी नवीन कुमार ने खुलासा करते हुए बताया कि देश में रोजाना इस कंपनी द्वारा करोड़ों की ठगी की जा रही है। देश के युवकों को इस कंपनी के एजेंट कमीशन देने के नाम पर फंसाते और इन्हें बकायदा प्रशिक्षण दिलाने के लिए कंबोडिया भेजा जाता।
कंबोडिया में युवकों को ठगी के लिए किया जाता है प्रशिक्षित
बताया गया कि कंबोडिया में इन युवकों को ठगी के लिए प्रशिक्षित किया जाता। प्रशिक्षण के बाद यह युवक देश में फर्जी सिम खरीदते हैं। इसके अलावा लोगों को लालच देकर उनके नाम से खाते खुलवाए जाते हैं। फिर यह साइबर ठगी की जाती।
प्रतिदिन हो रही 150 करोड़ की ठगी
जांच में यह भी सामने आया है कि इस कंपनी से देशभर के सैंकड़ों युवाओं को अपने चंगुल में फंसाया हुआ है। इस कंपनी द्वारा रोजाना देशभर में ठगी की जा रही है।
100 करोड़ की ठगी मामले में एक चीनी नागरिक भी गिरफ्तार
दिल्ली के शाहदरा साइबर स्टेशन पुलिस ने 43.5 लाख रुपये से अधिक की ठगी से जुड़े एक बड़े साइबर धोखाधड़ी मामले में चीनी नागरिक फेंग चेनजिन को गिरफ्तार किया है। डीसीपी शाहदरा ने चीनी नागरिक के दबोचे जाने की जानकारी दी है। डीसीपी शाहदरा प्रशांत गौतम ने कहा, "धोखाधड़ी व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से ऑनलाइन स्टॉक ट्रेडिंग घोटाले के माध्यम से की गई थी, जिसमें व्यक्तियों को निशाना बनाया गया था। आगे की जांच से पता चला कि फेंग चेनजिन आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश में साइबर अपराध और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े दो अन्य महत्वपूर्ण धोखाधड़ी मामलों से जुड़ा हुआ है।"
ठगी की कुल रकम 100 करोड़ रुपये
उन्होंने बताया कि साइबर अपराध पोर्टल पर 17 आपराधिक शिकायतें भी दर्ज हैं, जो सभी एक ही फिनकेयर बैंक खाते से जुड़ी हैं और कुल धोखाधड़ी की गई राशि 100 करोड़ रुपये से अधिक है।