September 23, 2024

PFI पर एक्शन से पहले मोदी सरकार ने मुस्लिम संगठनों से किया था मशविरा, अब सभी कर रहे स्वागत

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नई दिल्ली

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ (पीएफआई) व उससे संबद्ध कई अन्य संगठनों पर बैन लगाने से पहले प्रमुख मुस्लिम संगठनों से राय-मशविरा किया था। ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ एक सुन्नी वहाबी संगठन है और इस पर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है। केंद्र ने इस इस्लामिक संगठन पर कथित रूप से आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता के चलते कड़े आतंकवाद रोधी कानून (UAPA) के तहत पांच साल का प्रतिबंध लगाया है। हालांकि पीएफआई पर केंद्र की प्रस्तावित कार्रवाई से पहले राष्ट्रीय सुरक्षा योजनाकारों ने प्रमुख मुस्लिम संगठनों को अपने पाले में किया था।

22 सितंबर को एनआईए, ईडी और राज्य पुलिस की छापेमारी से पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने 17 सितंबर को प्रमुख मुस्लिम संगठन के नेताओं से उनके विचारों को समझने के लिए मुलाकात की थी। एनएसए और इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारियों ने इस्लाम के देवबंदी, बरेलवी और सूफी संप्रदायों का प्रतिनिधित्व करने वाले देश के सबसे बड़े मुस्लिम संगठनों की राय ली। इन सभी संगठनों की राय एक समान थी। इनका मानना था कि पीएफआई भारत में सांप्रदायिकता का फायदा उठाने के लिए अपने चरमपंथी अभियान के साथ अखिल-इस्लामी संगठनों के वहाबी-सलाफी एजेंडे को आगे बढ़ा रहा था।

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और उसके सहयोगियों पर प्रतिबंध लगाने के केंद्र के फैसले का सूफी और बरेलवी मौलवियों ने स्वागत किया है। अखिल भारतीय सूफी सज्जादनाशिन परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि यदि अतिवाद पर अंकुश लगाने के लिए कोई कार्रवाई की जाती है तो सभी को धैर्य दिखाना चाहिए। बयान में कहा गया है, "अखिल भारतीय सूफी सज्जादानशीन परिषद का मानना है कि अगर यह कार्रवाई कानून के अनुपालन और आतंकवाद की रोकथाम के लिए की गई है, तो सभी को इस पर धैर्यपूर्वक काम करना चाहिए, सरकार और जांच एजेंसियों के इस कदम का स्वागत किया जाना चाहिए।" अजमेर दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख जैनुल आबेदीन अली खान ने इस कदम का स्वागत किया और कहा कि आतंकवाद को रोकने के लिए कानून के अनुसार की गई कार्रवाई का सभी को स्वागत करना चाहिए।
 
खान ने कहा, “देश सुरक्षित है तो हम सुरक्षित हैं, देश किसी भी संस्था या विचार से बड़ा है और अगर कोई इस देश को तोड़ने, यहां की एकता और संप्रभुता को तोड़ने की बात करता है, देश की शांति खराब करने की बात करता है, तो उसे इस देश में रहने का अधिकार नहीं है।” उन्होंने कहा कि पिछले कई दिनों से लगातार पीएफआई की राष्ट्र विरोधी गतिविधियों की खबरें आ रही हैं और इस पर लगाया गया प्रतिबंध देश हित में है। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने भी एक वीडियो बयान जारी कर इस फैसले को चरमपंथ पर लगाम लगाने का सही कदम बताया।

 

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