सहकारी बैंक रीवा की 71वीं आमसभा की बैठक संपन्न
साधारण सभा के सदस्य बैंक की छवि को निखारने के कार्य करें – कलेक्टर
आमसभा में तीन करोड़ 56 लाख रुपए के लाभ का बजट किया गया मंजूर
रीवा
कलेक्ट्रेट के मोहन सभागार में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की आमसभा की 71वीं वार्षिक बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता बैंक के अध्यक्ष तथा कलेक्टर मनोज पुष्प ने की। बैठक में वर्ष 2023-24 के लिए तीन करोड़ 56 लाख रुपए के लाभ के प्रस्तावित बजट को मंजूरी दी गई। बैठक में आगामी वर्ष 36 करोड़ 77 लाख रुपए की आय का अनुमान है।
कलेक्टर ने बैठक में कहा कि बैंक के कर्मचारी तथा सदस्य इसकी छवि निखारने के लिए कार्य करें। बैंक की आर्थिक स्थिति में तेजी से सुधार हो रहा है। ऋणों की वसूली में तेजी लाकर इसे और मजबूत किया जा सकता है। प्रशासनिक अधिकारी लंबित ऋणों की वसूली में सहकारी बैंक को पूरा सहयोग देंगे। बैंक के अधिकारी और कर्मचारी लंबित ऋणों की वसूली में पूरा सहयोग करें। बैंक के कामकाज में किसी भी तरह की वित्तीय और प्रक्रियागत अनियमितता न होने दें।
कलेक्टर ने कहा कि सहकारी बैंक से लेन-देन करने वालों के मन में इस धारणा को बलवती करें कि बैंक से ऋण लेने के बाद उसे वापस करना उनकी जिम्मेदारी है। जिन्होंने आर्थिक अनियमितता करके बैंक की आर्थिक स्थिति को संकट में डाला है उन पर कठोर कार्यवाही की जाएगी। गबन करने वाले हर हाल में जेल जाएंगे। हाल ही में कुछ एफआईआर दर्ज कराई गई हैं। जरूरत हुई तो आगे भी एफआईआर दर्ज की जाएगी। सहकारी बैंक को अन्य व्यावसायिक बैंकों की तरह आधुनिक बनाएं।
बैठक में महाप्रबंधक जिला सहकारी बैंक तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी ज्ञानेन्द्र पाण्डेय ने बताया कि बैंक में वर्तमान में 352 करोड़ रुपए की राशि जमा है। वर्ष 2023-24 के लिए कुल 36 करोड़ 77 लाख रुपए का बजट प्रस्तावित किया गया है। बैंक द्वारा एपेक्स बैंक की किश्तों तथा विपणन संघ को खाद की राशि का समय पर भुगतान कर रहा है। सभी सहकारी समितियों की शत-प्रतिशत ऑडिट करा ली गई है। सहकारी बैंक ने रैक प्वाइंट से सीधे समितियों को खाद भेजने की व्यवस्था करके लगभग 70 लाख रुपए के परिवहन व्यय की बचत की है। उन्होंने डिफाल्टर किसानों से लंबित ऋणों का भुगतान करके ब्याज मुक्त कृषि ऋण लेने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि कालातीत ऋणों पर 12 प्रतिशत ब्याज दिया जाता है जबकि नए ऋण ब्याज मुक्त हैं।
बैठक में उपायुक्त सहकारिता अशोक शुक्ला ने कहा कि सहकारी समितियाँ लंबित ऋणों की वसूली के लिए अपने स्तर से प्रकरण ऑनलाइन दर्ज कराएं। लगभग 25 हजार किसानों से ऋणों की वसूली शेष है। सहकारिता निरीक्षक सार्वजनिक वितरण प्रणाली के खाद्यान्न वितरण की सतत निगरानी करें। जिले की पांच सहकारी समितियों ने अपने स्तर से एफडी जारी कर दी है। इनके विरूद्ध कार्यवाही की जा रही है। आमसभा में बताया गया कि सहकारी बैंक में चालू वर्ष के ऋणों का 74.88 प्रतिशत वसूलीहो चुकी है। कालातीत ऋणों में वसूली का प्रतिशत 28.61 है। बैंकों के लंबित ऋणों के कारण कुल 136 करोड़ का घाटा हुआ। इसका मुख्य कारण 24 हजार किसानों की ऋण माफी के 90 करोड़ रुपए के प्रकरणों का निराकरण न होना है। बैठक में सहकारी समितियों तथा बैंक के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।