November 24, 2024

महाराष्ट्र में महायुति की प्रचंड जीत, एमवीए की करारी शिकस्त, आंधी में कांग्रेस नहीं बचा पाई नेता विपक्ष की कुर्सी

0

मुंबई
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में बीजेपी के अगुवाई वाले महायुति की प्रचंड जीत में कांग्रेस को गुजरात वाली चोट मिली है। 2022 के गुजरात विधानसभा चुनावों कांग्रेस सिर्फ 17 सीटें जीत पाई थी। इसके बाद राज्य की सत्ता में 25 साल से बाहर कांग्रेस के हाथों से नेता विपक्ष का पद भी चला गया था। महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों में भी कुछ ऐसी स्थिति उभरी है। विपक्ष गठबंधन महाविकास आघाड़ी (एमवीए) को कोई भी घटक जरूरी 29 सीटों के आसपास पहुंचता नहीं दिख रहा है। नियमानुसार संसद और विधानसभा में नेता विपक्ष के लिए 10 फीसदी सीटों का होना आवश्यक है। महाराष्ट्र में कम से 29 सीटों होनी चाहिए। कांग्रेस को 25 सीटों के अंदर सिमटती गई है। ऐसे में सवाल खड़ हो गया है कि जिस महाविकास आघाड़ी में सीएम बनने के लिए लड़ाई थी। उसके घटक दल नेता विपक्ष की हैसियत भी नहीं रख पाए।

गुजरात को बनाया था मुद्दा
महाविकास आघाड़ी के नेताओं ने विधानसभा चुनावों में महाराष्ट्र से गुजरात की तरफ निवेश, कारखाने और नौकरियां जानें को चुनावी मुद्दा बनाया था, लेकिन एमवीए का यह दांव उल्टा पड़ा। महायुति को 220 से अधिक सीटें मिलती दिख रही है तो वहीं एमवीए 50 के आसपास सिमट गया है। राहुल गांधी लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के 99 सीटें हासिल करने के बाद नेता विपक्ष बन पाए थे। लोकसभा में 13 सीटें जीतने वाली कांग्रेस की यह दुर्गति होगी यह शायद किसी ने नहीं सोचा था। गुजरात के बाद कांग्रेस महाराष्ट्र में भी कमजोर स्थिति में पहुंच गई है। महाराष्ट्र में कांग्रेस ने 102 सीटों पर चुनाव लड़ा था।

आखिर में कांग्रेस को मिला था पद
2019 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी सबसे बड़ी बनी थी। से 105 सीटों पर जीत मिली थी। दूसरे नंबर पर उद्धव ठाकरे की शिवसेना और फिर तीसरी नंबर पर एनसीपी रही थी। शिवसेना और एनसीपी के टूटने के बाद कांग्रेस को राज्य में नेता विपक्ष का पता मिला था। जब राज्य में शिंदे सीएम बने थे तो पहले संख्याबल के हिसाब से एनसीपी को यह पद मिला था और अजित पवार नेता विपक्ष बने थे। एनसीपी के टूटने के बाद कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी हो गई थी। तब विजय वडेट्टीवार नेता विपक्ष बने थे। वह 1 साल 112 दिनों तक नेता विपक्ष रहे। 2024 के चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन इतना खराब रहा कि वह नेता विपक्ष की कुर्सी भी नहीं बचा पाई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *