November 26, 2024

मोहन कैबिनेट में नया चेहरा कौन !वनमंत्री रामनिवास रावत का इस्तीफा सरकार ने होल्ड पर रखा

0

भोपाल

विजयपुर उपचुनाव हारने के बाद वनमंत्री रामनिवास रावत द्वारा दिया गया इस्तीफा सरकार ने होल्ड पर रख लिया है। अब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के विदेश से लौटने के बाद इस्तीफे पर निर्णय होगा। उसके पहले रावत के पास मौजूद वन एवं पर्यावरण विभाग पर मौजूदा चार मंत्रियों और 12 से अधिक विधायकों की नजर है। इन्होंने सत्ता व संगठन के सामने नए सिरे से जोर-आजमाइश शुरू कर दी है।

 हालांकि रावत जनवरी 2025 के पहले सप्ताह तक मंत्री बने रह सकते हैं, क्योंकि कानूनी रूप से रावत को शपथ के छह महीने के भीतर चुनाव जीतकर आना था। इस अवधि के पहले चुनाव हुए और वह हार गए। तब भी छह महीने की अवधि पूरी होनी बाकी है, इसके पूरे होने तक उनके इस्तीफे के बावजूद भी सरकार चाहे तो उन्हें मंत्री रख सकती है।

सरकार के पास विभाग बंटवारे के ये तीन विकल्प

1.विदेश से लौटने के बाद सीएम यदि रावत का इस्तीफा मंजूर करते हैं तो वन और पर्यावरण विभाग के बंटवारे को लेकर सरकार दो विकल्प में से किसी एक को अपना सकती है। जानकारों के मुताबिक जो विभाग किसी के पास नहीं होते वे स्वत: राज्य के मुख्यमंत्री के हो जाते हैं, इसी तरह वन व पर्यावरण विभाग भी मुख्यमंत्री के पास चले जाएंगे।

2.सीएम चाहें तो ये दोनों विभाग मंत्रिमंडल का विस्तार किए बिना किसी भी मौजूदा मंत्रियों को दे सकते हैं।

3.सरकार चाहे तो किसी नए विधायक को विभाग दे सकती है, लेकिन इस प्रक्रिया के लिए सरकार को राज्यपाल को मंत्रिमंडल विस्तार की सूचना देनी होगी।

चर्चा… ये मंत्री रावत के विभाग पाने के इच्छुक

नागर सिंह चौहान: अनुसूचित जाति कल्याण विभाग है। पूर्व में वन व पर्यावरण इन्हीं के पास था। इन्हीं से लेकर रावत को दिया था।

राकेश शुक्ला: नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग है। चर्चा है कि ये बड़ा विभाग चाहते हैं। गौतम टेटवाल, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हैं। मुख्यमंत्री के गृह जिले के प्रभारी मंत्री हैं।

कृष्णा गौर: राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार गौर के पास  पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण व विमुक्त घुमन्तु और अद्र्धघुमंतु कल्याण विभाग है। राजधानी में रहने वाली एकमात्र महिला राज्यमंत्री हैं।

‘मैं भाजपा छोड़कर कहीं नहीं जाने वाला’
भोपाल. मंत्री रामनिवास रावत के विजयपुर से चुनाव हारने के बाद से तरह-तरह के कयास लगाए जाने लगे हैं। सोमवार को चर्चा रही कि रावत भाजपा छोड़ सकते है। पत्रिका से बातचीत में उन्होंने अपनी हार के पीछे जनता का फैसला और खुद की किस्मत को बताया।

भाजपा छोडऩे के सवाल पर कहा, मुझे नहीं पता ये अफवाह कौन उड़ा रहा है। मैं भाजपा छोड़कर कहीं नहीं जाने वाला हूं। वहीं इस्तीफे को लेकर कहा कि चुनाव हारते ही मैंने सीएम को इस्तीफा सौंप दिया था। भितरघात को लेकर इतना ही कहा कि अभी तक सत्ता और संगठन की ओर से कोई रिपोर्ट नहीं मांगी गई है। अगर पूछा जाता है तो मैं जरूर रिपोर्ट दूंगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *