November 27, 2024

राम जन्मभूमि फैसले का हिंदी संस्करण अब हिंदी में उपलब्ध होगा

0

नई दिल्ली

कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने 75वें संविधान दिवस के मौके पर सुप्रीम कोर्ट के राम जन्म भूमि फैसले का हिंदी संस्करण जारी किया है। 2019 में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने राम जन्मभूमि पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। इस फैसले का हिंदी संस्करण कानून एवं न्याय मंत्रालय के अंतर्गत विधि साहित्य प्रकाशन द्वारा किया गया है। इस मौके पर सरकार ने भारतीय संविधान पर एक ऑनलाइन पाठ्यक्रम की भी घोषणा की है।

राजधानी के विज्ञान भवन में आयोजित इस समारोह में कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने कहा कि राम जन्मभूमि पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हिंदी में अनुवाद कानूनी साहित्य को अधिक आसान, समावेशी और समझने योग्य बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह पहल हमारे राष्ट्र की भावना का प्रतीक है। इस मौके पर अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमानी, कानून सचिव राजीव मणि और अतिरिक्त सचिव डॉ. मनोज कुमार सहित कई अन्य अधिकारी और वकील उपस्थित थे।

समारोह का आयोजन कानून एवं न्याय मंत्रालय के विधायी विभाग द्वारा किया किया गया था। इस अवसर पर विभाग ने भारतीय संविधान पर एक ऑनलाइन पाठ्यक्रम की भी घोषणा की। यह पाठ्यक्रम लोगों को भारतीय संविधान के प्रमुख पहलुओं से परिचित होने की सुविधा देगा। मनोज कुमार ने कहा कि इस पहल को बड़े पैमाने पर जनता के बीच संविधान की समझ बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है।

 राम मंदिर निर्माण में मजदूर बने चुनौती

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक का आज दूसरा दिन है। राम मंदिर निर्माण में अब तक 800 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। निर्माण पूरा होने में लगभग 1800 करोड़ रुपये खर्च होंगे। राम मंदिर निर्माण में अभी भी मजदूरों की कमी है।

मजदूरों की संख्या को दोगुनी करने के लिए निर्माण समिति ने एलएंडटी से अनुरोध किया है। 22 जनवरी 2025 को रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ पर रामलला के अलावा अतिरिक्त मंदिरों के दर्शन पर अभी संशय बना हुआ है।

आज भी बनी मजदूरों की चुनौती

राम मंदिर भवन निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि शिखर को छोड़कर इसी माह के अंत तक पत्थर लगाने का कार्य पूरा हो जाएगा। राम मंदिर के शिखर  में 55000 क्यूबिक फीट पत्थर अभी और लगने हैं।  8,20,000 क्यूबिक फीट पत्थर परकोटा में लगेंगे। निर्माण कार्य में चुनौती आज भी मजदूरों की है।
महापुरुषों के दर्शन पर संशय

मजदूरों की संख्या जब तक दोगनी नहीं होगी, तब तक कार्य की गति धीमी रहेगी। इस समय लगभग  800 मजदूर निर्माण कार्य में लगे हुए हैं। जब तक 1500 के आसपास मजदूर कार्य नहीं करेंगे तब तक निर्माण में पीछे रहेंगे। 2025 को भगवान रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ पर रामलला के अलावा किसी और महापुरुषों के दर्शन पर संशय है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *