September 22, 2024

वास्तुदोष निवारण के लिए घर में रखिए चमत्कारी शंख

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सनातन धर्म में शंख को बहुत ही शुभ माना गया है। इसका कारण यह है कि माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु दोनों ही अपने हाथों में शंख धारण करते हैं। विष्णु पुराण के अनुसार माता लक्ष्मी समुद्रराज की पुत्री हैं तथा शंख उनका सहोदर भाई है। इसलिए यह भी मान्यता है कि जहां शंख है, वहीं लक्ष्मी का वास होता है। इन्हीं कारणों से शंख की पूजा भक्तों को सभी सुख देने वाली है। शास्त्रों के अनुसार शंख की उत्पत्ति शंखचूर्ण की हड्डियों से हुई है इसलिए इसे पवित्र वस्तुओं में परम पवित्र व मंगलों के भी मंगल माना गया है। सुख-समृद्धि एवं सौभाग्यदायी शंख को भारतीय संस्कृति में मांगलिक चिह्न के रूप में स्वीकार किया गया है। घर में शंख रखने से वास्तु दोषों से छुटकारा मिलता है, साथ ही धन और आरोग्य की प्राप्ति होती है। अगर आपके घर के किसी हिस्से में वास्तु दोष है, तो उस कोने में शंख रखने से वहां का वास्तु दोष समाप्त हो जाता है, घर में खुशहाली आती है।

शंखनाद करने से इसकी ध्वनि जहां तक पहुंचती हैं वहां तक की वायु शुद्ध और उर्जावान हो जाती है। वास्तु विज्ञान के अनुसार सोयी हुई भूमि भी नियमित शंखनाद से जाग उठती है। भूमि के जागृत होने से रोग-शोक और कष्टों में कमी आती है तथा परिवार के सदस्य सुख-समृद्धि की ओर बढते रहते हैं। भगवान की पूजा में शंख बजाने के पीछे भी यह उद्देश्य होता है कि आस-पास का वातावरण शुद्ध- पवित्र रहे।

दक्षिणावर्ती शंख के शीर्ष में चन्द्र देवता, मध्य में वरुण, पृष्ठ भाग में ब्रह्मा और अग्र भाग में गंगा, यमुना तथा सरस्वती का वास माना गया है। इसके पवित्र जल को तीर्थमय माना जाता है। जो शंख के जल से स्नान कर लेता है ,उसे सम्पूर्ण तीर्थों में स्नान का फल प्राप्त हो जाता है। जहाँ पर शंख रहता है, वहां भगवान श्री हरि, भगवती लक्ष्मी सहित सदा निवास करते हैं ,अमंगल दूर से ही भाग जाता है। वास्तुदोष के प्रभाव को कम करने के लिए शंख में गाय का दूध रखकर इसका छिड़काव घर में किया जाए तो इससे भी सकारात्मक उर्जा का संचार होता है।

शंख की ध्वनि आध्यात्मिक शक्ति से संपन्न होती है। विजय का प्रतीक माने जाने वाले शंख से कोई भी धार्मिक अनुष्ठान के आरम्भ में शंख ध्वनि की जाती है। इसकी ध्वनि जहाँ तक पहुँचती है, सभी प्रकार की नकरात्मक ऊर्जा दूर होती है साथ ही वहां तक के वातावरण में रहने वाले सभी कीटाणु नष्ट हो जाते हैं,ऐसा शोधों से भी  स्पष्ट हुआ है। शंख का जल सभी को पवित्र करने वाला माना  गया है इसी वजह से आरती के बाद श्रद्धालुओं पर शंख से जल छिड़का जाता है।

वास्तु के अनुसार जिस घर में शंख रखा होता है, वहां हर तरफ सकारात्मक ऊर्जा का संचार रहता है। शास्त्रों में अनुसार, जिस घर के पूजा स्थल में देवी लक्ष्मी के साथ शंख की स्थापना भी की जाती है और नियमित इसकी पूजा होती है, वहां देवी लक्ष्मी स्वयं निवास करती हैं। ऐसे घर में धन संबंधी परेशानी कभी नहीं आती है। जहां कहीं भी शंखध्वनि होती है वहां लक्ष्मीजी सम्यक प्रकार से विराजमान रहती हैं।

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