कृषि अवसंरचना निधि के उपयोग में मध्यप्रदेश अव्वल : कृषि मंत्री पटेल
भोपाल
किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री कमल पटेल ने कहा है कि कृषि अवसंरचना निधि (आईएएफ) के उपयोग में मध्यप्रदेश पूरे देश में अव्वल है। इस योजना से किसानों को अधो-संरचनात्मक विकास के लिये अनुदान युक्त लोन दिया जाता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर की पहल से खेती के लिए आधारभूत संरचना का विकास निरंतर हो रहा है। कृषि मंत्री पटेल आज कृषि अवसंरचना निधि सम्बन्धी इंदौर में हुई राज्य स्तरीय कार्यशाला को वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। इंदौर कृषि महाविद्यालय के डीन डॉ. शरद चौधरी सहित अन्य अधिकारी एवं इंदौर-उज्जैन संभाग के कृषक एवं स्व-सहायता समूह, बीज उत्पादक समितियों सहित कृषि उद्यमियों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
कृषि मंत्री पटेल ने बताया कि देश में कृषि अवसंरचना में सुधार को प्रोत्साहन एवं वित्तीय सहायता देने के उद्देश्य से एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फण्ड (एआयएफ) स्कीम का संचालन किया जा रहा है। केन्द्र सरकार द्वारा अवसंरचना के लिए एक लाख करोड़ रुपये का एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फण्ड दिया गया है, जिसमें प्रदेश को 7 हजार 440 करोड़ रूपये से 12 हजार करोड़ रूपये तक की वित्तीय सुविधा मिलनी हैं। कृषि मंत्री पटेल ने कहा कि योजना के द्वारा जो भी कृषक, कृषि से जुड़े उद्यमी, कृषि उत्पादकता समूह, स्टार्टअप, स्वयं सहायता समूह, पैक्स सहित कृषि से जुड़े लोग कृषि अधो-संरचना निर्माण हेतु बैंक से ऋण लेना चाहते है, उन्हें 2 करोड़ रूपये की सीमा तक ऋण पर 3 प्रतिशत प्रतिवर्ष की ब्याज छूट 7 वर्ष की अवधि के लिए उपलब्ध होगी।
कृषि मंत्री पटेल ने बताया कि एआयएफ फंड से वित्तीय सहायता कोल्ड स्टोर एवं कोल्ड चेन वेयर हाउस, सायलों, पैक हाउस, विश्लेषण/जाँच इकाई, ग्रेडिंग एवं पैकेजिंग यूनिट, लॉजिस्टिक्स सुविधा, ई-मार्केटिंग, राईपनिंग चेंबर, जैव उत्प्रेरक उत्पादन इकाई के निर्माण, स्मार्ट एवं प्रिसीजन फार्मिंग इत्यादि के लिए प्रदान की जा रही है। उन्होंने बताया कि इंदौर संभाग में बैंकों द्वारा 126 आवेदनों में 123 करोड़ 19 लाख रूपये की राशि का सत्यापन हो चुका है। इन आवेदनों में बैंकों द्वारा 77 करोड़ 18 लाख रूपये का वितरण किया जा चुका है। यह योजना प्रदेश में कृषि अवसंरचना को सुदृढ़ बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
मंडी बोर्ड की एम.डी. एवं एआयएफ की राज्य नोडल अधिकारी श्रीमती जी.व्ही. रश्मि ने बताया कि योजना में 3 प्रतिशत का ब्याज अनुदान दिया जाता है। भारत सरकार द्वारा क्रेडिट गारंटी (CGTMSE) दी जाती है। योजना में देश में कृषि अवसंरचना में सुधार के क्रम को प्रोत्साहन एवं वित्तीय सहायता हेतु फसलोपरांत प्रबंधन एवं सामुदायिक खेती संबंधित परियोजनाओं में निवेश के लिए उपयुक्त ऋण सुविधा भी दी जायेगी। इसके अतिरिक्त 25 प्रोजेक्ट्स प्रति हितग्राही (विभिन्न विलेज कोड) को दिये जायेंगे। साथ ही राज्य एवं केन्द्र सरकार की संबंधित योजनाओं से अनुदान लाभ के साथ अतिरिक्त लाभ भी लिया जा सकता है।
इन कार्यो में ले सकते हैं योजना से लाभ
कृषि अवसंरचना निधि (एआयएफ) योजना में वेयरहाउस, कोल्ड स्टोरेज, सोर्टिंग एवं ग्रेडिंग यूनिट, प्राथमिक प्र-संस्करण इकाई, साइलोज़, पैकेजिंग इकाई, रायपनिंग चैम्बर, वैक्सिंग प्लांट, दाल मिल, आटा मिल, राइस मिल, कोल्ड प्रेस ऑयल मिल, आर्गेनिक इन्पुट प्रोडक्शन, बायो स्टीमुलेन्ट यूनिट, कस्टम हारिंग सेंटर तथा हाई-टेक हब (ड्रोन प्रोजेक्ट्स) आदि परियोजनाएँ उपलबध है।
जानकारी के लिए यहाँ करें संपर्क
कृषि अवसंरचना निधि (एआयएफ) से लाभान्वित होने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कराएँ। आवेदन के लिए मोबाइल नंबर 90980-39381 पर संपर्क किया जा सकता है। साथ ही बेबसाइट www.agriinfra.dac.gov.in से भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है।