10 जनपथ के पास ही रहेगी ताकत या 10 राजाजी मार्ग से चलेगी कांग्रेस?
नई दिल्ली।
कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव को लेकर स्थिति अब पूरी तरह से साफ हो चुकी है। मल्लिकार्जुन खड़गे, शशि थरूर और केएन त्रिपाठी मैदान में हैं। असली लड़ाई खड़गे और थरूर के बीच होती दिख रही है। हालांकि, इसमें भी गांधी परिवार के वफादार और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का ही पलड़ा भारी दिख रहा है। सियासी जानकारों को तो यह भी मानना है कि आठ अक्टूबर तक स्थिति और बदल सकती है। आपको बता दें कि नामांकन वापस लेने की यह आखिरी तारीख है। अगर थरूर नामांकन वापस लेते हैं तो खड़गे की राह और आसान हो जाएगी और वह एक दमदार जीत दर्ज कर सकते हैं।
कर्नाटक से आने वाले मल्लिकार्जुन खड़गे को सोनिया गांधी का विश्वासपात्र माना जाता है। यह वजह है कि गुलाम नबी आजाद के बाद उन्हें राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष बना गया। हालांकि कांग्रेस के नए सिद्धांत के मुताबिक, उन्हें अध्यक्ष बनने के बाद इस पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है। अगर ऐसा होता है तो खड़गे का पूरा फोकस पार्टी और संगठन पर होगा। अब यहां सवाल यह उठता है कि क्या मल्लिकार्जुन खड़गे बतौर अध्यक्ष अपनी दमदार और स्वतंत्र उपस्थिति दर्ज करा पाएंगे या फिर गांधी परिवार के साये में ही वह बड़े मामलों पर निर्णय लेंगे।
आपको बता दें कि केंद्र में जब कांग्रेस के नेतृत्व में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की सरकार थी तो दस जनपथ ने अपनी एक अलग पहचान बनाई थी। सोनिया गांधी के इस सरकारी बंगले ने भारत की राजनीति में अपनी दमदार पहचान बनाई। 2014 के चुनाव से पहले बीजेपी ने इस बंगले के नाम का इस्तेमाल अपनी चुनावी रैलियों में भी किया था। बीजेपी लगातार आरोप लगाती रहती थी कि प्रधानमंत्री भले ही मनमोहन सिंह हैं, लेकिन सरकार 10 जनपथ से ही चल रही है। अब चूंकि कांग्रेस को नया अध्यक्ष मिलने जा रहा है। खड़गे के सरकारी बंगले का पता दिल्ली का 10 राजाजी मार्ग है। ऐसे में फिर से ऐसे सवालों का सामना कांग्रेस पार्टी को करना पड़ सकता है।