December 20, 2024

महाकुंभ का सबसे बड़ा स्नान मौनी अमावस्या पर होगा

0

प्रयागराज में अगले साल 13 जनवरी से महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है. ये दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक त्योहार है. इस अवसर पर प्रयागराज में श्रद्धालुओं और साधु संतों का जमावड़ा नजर आने वाला है. सभी इस महाकुंभ में आस्था की डुबकियां लगाते नजर आएंगे. इस महाकुंभ में कुल छह शाही स्नान किए जाएंगे. 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा पर शाही सन्नान की शुरुआत हो जाएगी, लेकिन आज हम आपको इस महाकुंभ के सबसे बड़े स्नान के बारे में बताने जा रहे हैं, जोकि मौनी अमावस्या का स्नान है.

सबसे बड़े स्नान का शुभ मुहूर्त
मौनी अमावस्या महाकुंभ का सबसे बड़ा स्नान माना जाता है. इस स्नान का विशेष महत्व है. मौनी अमावस्या पर इस महाकुंभ का तीसरा शाही स्नान किया जाएगा. मौनी अमावस्या अगले साल 29 जनवरी को मनाई जाएगी. मतलब मौनी अमावस्या का शाही स्नान भी 29 जनवरी को किया जाएगा. इस दिन सन्नान के शुभ मुहूर्त की बात कि जाए तो इसका ब्रह्म मुहूर्त 5 बजकर 25 मिनट से शुरू होगा. ये मुहूर्त 6 बजकर 18 मिनट तक रहेगा.

मौनी अमावस्या का महत्व
मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज समेत अन्य तीर्थ स्थलों पर स्नान करने से पितरों को मोक्ष मिलता है. इन दिन व्रत के साथ मौन रखने का भी महत्व है. हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या पर स्नान के अलावा पितरों के श्राद्ध और दान-पुण्य का भी विशेष महत्व बताया गया है. दरअसल, सालभर में 12 अमावस्या होती है, लेकिन माघ मास की अमावस्या को अति विशेष माना गया है. मास की अमावस्या को ही मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है. महाकुंभ और मौनी अमावस्या का संयोग धार्मिक दृष्टि से सबसे ज्यादा फल देने वाला कहा जाता है.

इस दिन दान करना भी पुण्यकारी
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, मौनी अमावस्या पर स्नान के साथ-साथ दान करने को भी विशेष फलदायी और पुण्यकारी माना जाता है. इस दिन दान करने वाले व्यक्ति के जीवन के सभी पापों का प्रायश्चित हो जाता है. इस दिन पितरों के तर्पण, पूजा और दान से पितृ प्रसन्न होते हैं और आशिर्वाद प्रदान करते हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *