राजस्थान- सहकारिता सचिव ने की ‘सहकार से समृद्धि’ योजना की समीक्षा, लोगों को योजनाओं का लाभ देने सहकारी बैंकों में खोलेंगे खाते
जयपुर।
शासन सचिव एवं रजिस्ट्रार, सहकारिता श्रीमती मंजू राजपाल ने बताया कि प्रदेश में सहकारिता के माध्यम से लोगों को लाभान्वित करने के लिये सहकारी बैंकों का आधुनिकीकरण करते हुये अधिक से अधिक लोगों के खाते खुलवाने के लिये प्रेरित किया जायेगा ताकि वे सहकारी योजनाओं के तहत पात्रता के अनुसार लाभ ले सके।
उन्होंने बताया कि सहकारी बैंकों के खाताधारकों को रूपे कार्ड जारी किये जायेंगे ताकि वे आधुनिक बैंकिंग की समस्त सुविधायें डोर-स्टेप पर एक क्लिक में प्राप्त कर सके। राजपाल ने बताया कि सचिव, सहकारिता मंत्रालय, भारत सरकार डॉ. आशीष कुमार भूटानी द्वारा शासन सचिवालय में शुक्रवार को सहकार से समृद्धि योजना की समीक्षा की गई। समीक्षा बैठक में प्रदेश की पैक्स कम्प्यूटराइजेशन की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया गया तथा शेष पैक्स की जल्द अनुमति जारी करने के लिये आश्वस्त किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सहकारी उद्यमियों को अपने उत्पादों को अन्तरराष्ट्रीय बाजार में विक्रय करने और अधिक रोजगार उत्पन्न करने के लिये उन्हें राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लि. (एन.सी.ई.एल.) से जुडना चाहिये ताकि उन्हें बेहतर अवसर मिल सकें। रजिस्ट्रार, सहकारिता ने बताया कि प्रदेश के कई क्षेत्रों में जैविक खेती की जाती है, लेकिन उनके जैविक उत्पादों को उचित मूल्य एवं बाजार उपलब्ध नहीं हो पा रहा था, इसके लिये भारत सरकार की पहल पर राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लि. (एन.सी.ओ.एल.) संस्था का गठन किया गया है। सहकारिता विभाग के स्तर से प्रदेश के जैविक उत्पादों के क्रय-विक्रय का कार्य करने वाली सहकारी संस्थाओं को एन.सी.ओ.एल से जोडा जायेगा ताकि उनके सदस्यों को उत्पादों का अच्छा मूल्य मिल सके। राजपाल ने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में 31 जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक कार्य कर रही हैं। प्रदेश में सहकारी साख की सुलभ उपलब्धता के लिये 4 से 5 जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों के गठन की संभावना को तलाशा जायेगा। उन्होंने सहकारी संस्थाओं से आह्वान किया कि प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार बीज तैयार करने के लिये सीड फार्म स्थापित किये जाये ताकि स्थानीय आवश्यकता पूरी होने के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी उपलब्ध हो सकेंगे।
उन्होंने बताया कि ग्रामीण विकास विभाग एवं डेयरी विभाग के साथ सामंजस्य स्थापित करते हुये सहकारी संस्थाओं का गठन किया जायेगा ताकि परिवार को कोई भी सदस्य सहकारिता के लाभ से वंचित न रहे। उन्होंने कहा कि सहकारिता ही वह माध्यम है जिसके द्वारा सदस्यों का सर्वांगीण विकास संभव है। समीक्षा बैठक में सहकारिता विभाग के सभी फंक्शनल अधिकारी उपस्थित थे।