राजस्थान-जयपुर में चतुर्थ राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ, ‘आपसी समझाइश द्वारा लंबित प्रकरणों का होता है निस्तारण: न्यायाधिपति भंडारी’
जयपुर।
राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधिपति एवं राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष पंकज भंडारी द्वारा राजस्थान उच्च न्यायालय की जयपुर पीठ के परिसर में वर्ष 2024 की चतुर्थ राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ किया गया।
शुभारंभ समारोह में न्यायाधिपति श्री भंडारी ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से आपसी समझाइश द्वारा लंबित प्रकरणों के निस्तारण की मूल भावना को साकार किया जाता है। जिससे पक्षकारों के समय की बचत होने के साथ ही उनके मध्य वैमनस्य का भाव भी समाप्त होता है। उन्होंने कहा कि लोक अदालत कानूनी प्रक्रिया में एक सशक्त माध्यम का रूप ले रही है। यही कारण है कि इस वर्ष की गत लोक अदालतों के द्वारा लंबित प्रकरणों में 7 प्रतिशत तक की कमी आई है। अनुभवी मध्यस्थ एवं सलाहकारों के माध्यम से राष्ट्रीय लोक अदालत पक्षकारों को आपसी सुलह का मार्ग दिखाती है एवं सौहार्दपूर्ण वातावरण में प्रकरणों के निस्तारण की प्रकिया को सफल बनाती है। राजस्थान उच्च न्यायालय, जयपुर पीठ में आयोजित इस चतुर्थ राष्ट्रीय लोक अदालत में लंबित प्रकरणों सहित प्री-लिटिगेशन स्तर तक के समस्त प्रकरणों का आपसी समझाइश से निस्तारण किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में जिला स्तर पर स्थित समस्त न्यायालयों के साथ राजस्व न्यायालयों, उपभोक्ता मंचों एवं अन्य प्रशासनिक अधिकरणों में रविवार को इस चतुर्थ राष्ट्रीय अदालत का आयोजन हो रहा है।