December 22, 2024

बिहार-मोतिहारी में करोड़ों की सरकारी जमीन पर अवैध अतिक्रमण, भू-माफियाओं और स्थानीय प्रशासन का है तगड़ा गठजोड़

0

मोतिहारी।

मोतिहारी में बेतिया राज की बहुमूल्य जमीनों पर अवैध कब्जे का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में बेतिया राज संपत्ति विधेयक 2024 के गजट के प्रकाशन के बाद 15,221 एकड़ जमीन पर राज्य सरकार का स्वामित्व स्थापित हो चुका है।

इसके बावजूद मोतिहारी के सीमावर्ती क्षेत्र, खासकर घोड़ासहन में भू-माफिया जमीन पर कब्जा करने में जुटे हैं। स्थानीय प्रशासन की उदासीनता से अतिक्रमण का यह खेल लगातार बढ़ता जा रहा है। मोतिहारी के घोड़ासहन बाजार के आसपास की जमीन जो बेतिया राज की संपत्ति मानी जाती है, खाता संख्या 28 और खेसरा 121 में अंकित है। यह जमीन करोड़ों रुपये मूल्य की बताई जाती है। भू-माफियाओं ने इस जमीन पर अवैध निर्माण और कब्जे का काम तेज कर दिया है। पूर्व में घोड़ासहन के तत्कालीन अंचलाधिकारी शिवशंकर गुप्ता ने इस अवैध गतिविधि को रोकने के लिए नोटिस जारी किया था। घोड़ासहन थाना को भी इस संबंध में सूचित किया गया था। इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन की कथित ‘सेटिंग’ के चलते भू-माफियाओं के हौसले बुलंद हैं और जमीन का बंटवारा जारी है।

बेतिया राज संपत्ति विधेयक के बाद मचा हड़कंप
बेतिया राज की संपत्ति पर राज्य सरकार के कानूनी अधिकार की घोषणा के बाद से भू-माफियाओं में खलबली मच गई है। राजस्व और भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप जयसवाल द्वारा प्रस्तुत इस विधेयक के माध्यम से राज्य सरकार ने संपत्ति पर अपने स्वामित्व की मुहर लगा दी है। इसके बावजूद, सीमावर्ती इलाकों में बेतिया राज की जमीन पर अवैध अतिक्रमण के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं। घोड़ासहन के वर्तमान अंचलाधिकारी आनंद कुमार ने अमर उजाला को बताया कि पूर्व में भू-माफियाओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। इसके बावजूद अगर अवैध निर्माण और कब्जा जारी है, तो स्थानीय थाना के साथ मिलकर त्वरित कार्रवाई की जाएगी।

प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग
घोड़ासहन के स्थानीय नागरिक प्रशासन की निष्क्रियता से नाराज हैं। बेतिया राज की इस बहुमूल्य जमीन पर हो रहे अतिक्रमण को लेकर प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है। राज्य सरकार द्वारा संपत्ति पर स्वामित्व स्थापित करने के बाद भी, अगर भू-माफिया सक्रिय हैं, तो यह प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *