December 26, 2024

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भाजपा प्रदेश कार्यालय में पत्रकार-वार्ता को किया संबोधित

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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भाजपा प्रदेश कार्यालय में पत्रकार-वार्ता को किया संबोधित

– बाबा साहब को चुनाव हराने वाले को पद्म भूषण देने जैसे अनेकाें अन्याय कांग्रेस ने किए
– बाबा साहब वंचित, शोषित व गरीबों की बात करते थे, कांग्रेस को यह खलता था
– कांग्रेस ने बाबा साहब को न भारत रत्न दिया, न स्मारक बनवाएं, सिर्फ अपने परिवार का ध्यान रखा
– बाबा साहब कांग्रेस के लिए सिर्फ वोट बैंक, उनके विचारों की वाहक भाजपा
– अमित शाह जी के भाषण को एडिट कर कांग्रेस झूठ प्रसारित कर रही है
– पं. नेहरू के जमाने से आज तक कांग्रेस अंबेडकर विरोधी रही, जनता के सामने उसका दोहरा चरित्र उजागर
– डॉ. मोहन यादव

भोपाल
 मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भारत रत्न स्व. डॉ. भीमराव अंबेडकर जी के प्रति कांग्रेस पार्टी के दोहरे रवैये को लेकर मंगलवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में पत्रकार-वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर वंचित, शोषित व गरीबों की बात करते थे, कांग्रेस पार्टी और उनके नेता जवाहरलाल नेहरू इसी कारण बाबा साहब का विरोध करते थे। कांग्रेस ने बाबा साहब को पहले 1952 का लोकसभा चुनाव हरवाया, इसके बाद उपचुनाव में भी हराने का कार्य किया। जवाहरलाल नेहरू और कांग्रेस का बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के प्रति दोहरा चरित्र इसी बात से उजागर होता है कि जिन काजरोलकर ने बाबा साहब को उपचुनाव में कांग्रेस की मदद से हराया, उन्हें कांग्रेस की सरकार ने पद्म भूषण दे दिया। बाबा साहब की वैश्विक स्तर पर पहचान और नाम होने के बाद भी उन्हें भारत रत्न व कोई सम्मान नहीं मिला। डॉ. अंबेडकर जी के मामले में कांग्रेस का दोहरा चरित्र उजागर जनता के सामने उजागर हो चुका है। कांग्रेस बाबा साहब को सिर्फ वोट बैंक मानती है, चुनावों के समय याद करती है।

कांग्रेस को देश से माफी मांगना चाहिए। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि कांग्रेस चुनावों में मिल रही लगातार हार से बौखला रही है और वह केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी के भाषण को एडिट कर जनता के बीच झूठ प्रसारित कर षड्यंत्र कर रही है। कांग्रेस को मध्यप्रदेश की जनता ने पहले विधानसभा फिर लोकसभा चुनाव में नकार कर बता दिया है कि बाबा साहब के विचारों का सच्चा सम्मान करने वाली भाजपा के साथ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा साहब के विचारों का सच्चा सम्मान भाजपा ने किया है। कांग्रेस को विपक्ष में रहकर जनता के विश्वास हासिल करने के लिए कार्य करना चाहिए। कांग्रेस ने बाबा साहब को देश के कानून मंत्री के पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया। कांग्रेस को अपने नेताओं और पं. नेहरू द्वारा किए गए बाबा साहब अंबेडकर के अपमान के लिए पूरे देश से बिना शर्त माफी मांगना चाहिए।

कांग्रेस ने बाबा साहब को परेशान किया, मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि कांग्रेस की सोच हमेशा अंबेडकर विरोधी रही है। जब भी कोई व्यक्ति मंत्रिपरिषद से इस्तीफा देता है, तो सदन में उसे बोलने का मौका दिया जाता है। लेकिन बाबासाहब अंबेडकर जी के इस्तीफे के बाद सदन में उन्हें बोलने तक नहीं दिया गया। अपने त्याग पत्र में बाबा साहब अंबेडकर ने पंडित नेहरू के खिलाफ लिखा था कि “मैं वित्त और उद्योग क्षेत्र में शिक्षित था, मगर मुझे उससे जुड़ा एक भी विभाग नहीं दिया गया और न ही संसदीय कमेटी का हिस्सा बनाया गया। मुझे कानून मंत्रालय दिया मगर ईमानदारी से काम नहीं करने दिया गया। मुझे हिंदू कोड बिल के कार्य को पूरा नहीं करने दिया गया।

केवल मुसलमानों की चिंता की गई, लेकिन एससी और एसटी को उचित संरक्षण प्रदान नहीं किया गया। प्रधानमंत्री का सारा ध्यान सिर्फ मुस्लिम समुदाय पर केंद्रित रहता है। मुसलमानों के संरक्षण से मुझे कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन क्या देश में केवल मुसलमानों को ही सुरक्षा की आवश्यकता है? बाबा साहब के इस सच से घबराई कांग्रेस पार्टी और पं. नेहरू ने उनके त्यागपत्र को जनता के बीच नहीं आने दिया। उन्होंने कहा कि बाबा साहब देश के विभाजन के पक्ष में नहीं थे, धारा 370 थोपने के भी पक्ष में नहीं थे। पूर्वी बंगाल में हिंदुओं पर हुए अत्याचारों पर भी बाबा साहब अंबेडकर ने टिप्पणी की थी।

सम्मान तो दूर, बाबा साहब का मजाक उड़ाती थी कांग्रेस
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बाबा साहब का सम्मान करना तो दूर की बात है, कांग्रेस के नेता और पं. नेहरू उनका मजाक उड़ाया करते थे। बाबा साहब ने जब इस्तीफा दिया था, तो पं. नेहरू ने डॉ. बी.सी. राय को लिखे पत्र में कहा था कि भीमराव अंबेडकर जी के इस्तीफे से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। यही नहीं, बल्कि पंडित जवाहरलाल नेहरू ने तो एडविना माउंटबेटन को पत्र लिखकर बाबा साहब अंबेडकर के कैबिनेट में न रहने की खुशी जाहिर की थी। डॉ. यादव ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने बाबा साहब को तो भारत रत्न, पद्म भूषण या पद्मश्री नहीं दिया, लेकिन बाबा साहब अंबेडकर को चुनाव में हराने वाले नारायण सदोबा काजरोलकर को 1970 में पद्म भूषण देकर सम्मानित किया। काजरोलकर के पक्ष में पंडित नेहरू भी प्रचार भी किया था।

ये है कांग्रेस की असली हकीकत। उन्होंने कहा कि ऐसी सोच और चरित्र वाली कांग्रेस पार्टी आज बाबा साहब के सम्मान की बात कर रही है, जो एक बहुत ही शर्मनाक है। कांग्रेस पार्टी को अपना यह ढोंग बंद करना चाहिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जिस तरह से पंडित नेहरू और कांग्रेस के नेताओं ने बाबा साहब अंबेडकर के साथ बदसलूकी की, उनका अपमान किया, जिसके साक्ष्य भी मौजूद हैं, उसके लिए कांग्रेस को बिना शर्त माफी मांगी मांगनी चाहिए।

कांग्रेस ने की उपेक्षा, भाजपा सरकार ने दिया सम्मान
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जब भी कोई बड़ा नेता जाता है, तो उनकी विरासत को संजोया जाता है। लेकिन कांग्रेस की सरकार ने बाबा साहब का एक भी स्मारक बनाने की अनुमति नहीं दी। कांग्रेस ने खुद तो बाबा साहब की स्मृतियाँ संजोने के लिए कोई कदम नहीं उठाए, अड़चनें डालती रही। कांग्रेस पार्टी तो देश में सैकड़ों स्मारक, अस्पताल, सड़कों के नाम पं. नेहरू, इंदिरा गांधी, संजय गांधी और राजीव गांधी के नाम पर रखने में लगी रही। बाबा साहब के जन्मस्थान मध्यप्रदेश में उनका स्मारक बनाने का काम भाजपा के मुख्यमंत्री स्वर्गीय सुंदरलाल पटवा के कार्यकाल में हुआ था और स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने उसका उद्घाटन किया था।

पूर्व प्रधानमंत्री श्री चंद्रशेखर ने दिल्ली स्थित अंबेडकर सेंटर के लिए स्थान की स्वीकृति दी थी, लेकिन कांग्रेस ने उसे बनने नहीं दिया। जब केंद्र में प्रधानमंत्री श्री नरेद्र मोदी जी की सरकार आई, तब अंबेडकर सेंटर बनकर तैयार हुआ। मोदी जी की सरकार ने लंदन में जहां बाबा साहब रहे थे, वहां भी उनका स्मारक बनावाया। दिल्ली में उनके निवास स्थान पर, नागपुर की दीक्षा भूमि और मुंबई की चैत्य भूमि में भी स्मारक बनवाए। डॉ. यादव ने कहा कि भाजपा, बाबा साहब के प्रति कांग्रेस की इस नफरती सोच का पूरा काला चिट्ठा जनता के सामने रखेगी।

अपने परिवार का इतिहास देखें राहुल गांधी
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि भाजपा का मानना है कि देश को बनाने में जिन्होंने भी योगदान दिया, उन सभी का सम्मान होना चाहिए। भाजपा अपने धुर विरोधियों का भी सम्मान करती है, क्योंकि उन लोगों ने अपने तरीके से देश को बनाने का प्रयास किया। लेकिन कांग्रेस के लिए बस एक परिवार ही सब कुछ है। कांग्रेस पार्टी केवल उसी परिवार के यशोगान में लगी रहती है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने बाबा साहब और सरदार पटेल को जो सम्मान दिया, वह सर्वविदित है।

सरदार पटेल की मृत्यु 1950 में हो गई थी, मगर उन्हें भारत रत्न 42 वर्ष बाद, 1991 में दिया गया। मौलाना आजाद की मृत्यु 1959 में हुई, लेकिन उन्हें भारतरत्न 1992 में दिया गया। 1991 में भारत के प्रधानमंत्री श्री पीवी नरसिम्हा राव जी थे। अगर तब भी गांधी परिवार का कोई व्यक्ति प्रधानमंत्री होता, तो इन सभी को भारत रत्न नहीं मिला होता। डॉ. यादव ने कहा कि अबुल कलाम आजाद और सरदार पटेल, नेहरू जी के विरोधी थे, इसलिए कांग्रेस ने उनका सम्मान नहीं किया और यही रवैया बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी के साथ भी अपनाया गया। प्रेसवार्ता करने से पहले राहुल गांधी को अपने परिवार के इस इतिहास को देखना चाहिए।

जनता समझदार, कांग्रेस की चाल सफल नहीं होने वाली
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जिस कांग्रेस पार्टी ने डॉ. अंबेडकर जी को संविधान सभा का सदस्य तक नहीं बनने दिया, वही कांग्रेस पार्टी देश भर में भाजपा के खिलाफ प्रेसवार्ताओं का नाटक कर रही है, बाबा साहब के प्रति प्रेम का दिखावा कर रही है। कांग्रेस पार्टी माननीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी के भाषण के एक अंश को बिना किसी संदर्भ के प्रस्तुत कर, राजनीति करने का मुद्दा बनाने का प्रयास कर रही हैं। उन्होंने कांग्रेस के दोगले चरित्र को उजागर करते हुए कहा कि एक तरफ राहुल गांधी ने धक्का-मुक्की की, सांसदों को गिरा दिया जिन्हें चोटें आई और अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। इस मामले में  राहुल गांधी पर केस दर्ज हुआ है, लेकिन कांग्रेस के नेता इसे गर्व की बात बताते हैं। डॉ. यादव ने कहा कि देश की जनता बहुत परिपक्व है और सब समझती है। कांग्रेस कुछ भी कर ले, लेकिन उसकी दाल नहीं गलने वाली है।

पत्रकार वार्ता के दौरान प्रदेश महामंत्री व विधायक श्री भगवानदास सबनानी, श्री रणवीर सिंह रावत, विधायक श्री रामेश्वर शर्मा, अजा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. कैलाश जाटवा, प्रदेश मंत्री श्री राहुल कोठारी, प्रदेश मीडिया प्रभारी श्री आशीष उषा अग्रवाल, प्रदेश प्रवक्ता डॉ. राजपाल सिंह सिसोदिया, डॉ. दुर्गेश केसवानी, सह मीडिया प्रभारी श्री अनिल पटेल एवं जिला अध्यक्ष श्री सुमित पचौरी उपस्थित रहे।

 

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