कोटा के छात्रावास में छिपकली गिरा खाना किया गया सर्व, 30 छात्राएं हुए बीमार
कोटा
राजस्थान के कोटा शहर जहां हर साल हजारों की संख्या में स्टूडेंट कंपटीशन की तैयारी करने के लिए आते हैं वहां से दिल दहला देने वाली खबर आई है। यहां एक छात्रावास में छात्राओं को परोसे गया खाना खाने से उनकी हालत खराब हो गई। हॉस्टल की 30 छात्राएं बीमार हो गई हैं। छात्रा ने दावा किया कि उसने करी में छिपकली देखी थी वहींअधिकारियों ने मामले की जांच का आदेश दिया है।
ये घटना कोटा के जवाहर नगर थाना क्षेत्र में स्थित एक हॉस्टल की है। जहां पर गुरुवार की रात करीब 30 छात्रों ने खाना खाने के बाद उल्टी और चक्कर आने की शिकायत की। लड़कियों में से एक ने दावा किया कि उसने करी में एक छिपकली देखी थी, जिसे बाद में किचन में हटा दिया गया था। बीमार छात्राओं को कोटा के प्राइवेट अस्पताल में एडमिट करवाया गया है और बाकी जिनकी हालत संभली हुई है उन्हें प्राथमिक उपचार दिया जा रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार गुरुवार को करीब 8 बजे हुई और मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) जगदीश सोनी को सूचना दी गई थी। हालांकि, उन्होंने साढ़े दस बजे व्हाट्सएप पर मैसेज देखा। सीएमएचओ ने बताया कि जब हम वहां पहुंचे तो उस समय तक जांच के लिए नमूने लिए बिना ही खाना बाहर फेंक दिया गया था और अन्य छात्रों को ताजा पका हुआ खाना दिया जा चुका था।
शुक्रवार को मेडिकल टीम ने हॉस्टल पहुंची और वहां पर रहने वाली 30 लड़कियों की स्क्रीनिंग की। सीएमएचओ ने बताया उल्टी करने वाली दो लड़कियों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी। उन्होंने बताया फूड सेफ्टी टीम ने शुक्रवार को छात्रावास से कच्चे खाद्य पदार्थों और पानी के सैंपल इकट्ठा किए है और जांच चल रही है। जल्द रिपोर्ट भी आ जाएगी। वहीं कोटा में कोचिंग संस्थानों और हॉस्टल पर जिला स्तरीय निगरानी समिति के नोडल अधिकारी बैरवा ने बताया कि उन्होंने सीएमएचओ को इस केस की पूरी निष्पक्षता से जांच करके दो दिन के अंदर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है।
जवाहर नगर पुलिस स्टेशन के सर्कल इंस्पेक्टर वासुदेव ने बताया कि लड़कियों ने जो खाना खाया था वह बाहर फेंक दिया गया था जिसके कारण खाने का सेंपल नहीं एकत्र हो पाया। कोटा शहर के अपर जिलाधिकारी बृजमोहन बैरवा ने सैंपलिंग से पहले दूषित भोजन के फेंके जाने की जानकारी उन्हें ना होने की बात कही है।