अमेठी के जगदीशपुर इलाके में बहन से छेड़खानी का विरोध पड़ा महंगा, भाई पर धारदार हथियार से जानलेवा हमला
अमेठी
उत्तर प्रदेश के अमेठी के जगदीशपुर इलाके में बहन के साथ हो रही छेड़खानी का विरोध करने पर 26 वर्षीय एक शख्स आरोपियों ने जानलेवा हमला कर दिया. इस हमले में वो गंभीर रूप से घायल हो गया. पीड़ित व्यक्ति की बहन कक्षा 9 की छात्रा है. उसके साथ कुछ लड़कों का समूह अक्सर छेड़छाड़ करके परेशान किया करता था. पीड़ित के परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है. आलाधिकारियों के दखल के बाद पुलिस मामले की जांच कर रही है.
जानकारी के मुताबिक, यह घटना गुरुवार को हुई है. उस वक्त रंजीत (26) नामक युवक पर लड़कों के एक समूह ने धारदार हथियार से हमला कर दिया. उसे इलाज के लिए जगदीशपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ले जाया गया. लेकिन स्थिति की गंभीरता को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया. पीड़ित के परिवार का दावा है कि उन्होंने पहले भी जगदीशपुर पुलिस में उत्पीड़न के संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
पीड़िता की बहन जब भी स्कूल जाती, तो लड़कों का एक समूह उसके साथ छेड़खानी किया करता था. पीड़ित छात्रा ने बताया, "जब भी मैं स्कूल जाती, तो लड़कों का एक समूह मेरे साथ दुर्व्यवहार करता था. मुझे अक्सर परेशान किया करता था. मैंने अपने परिवार को इस बारे में बताया, लेकिन जब उन्होंने हस्तक्षेप करने की कोशिश की, तो उन्हें जान से मारने की धमकियां दी गई थीं." पीड़िता के परिजनों ने जगदीशपुर थाना प्रभारी और एक कांस्टेबल लापरवाही का आरोप लगाया.
हालांकि, पुलिस ने पीड़ित के परिजनों के आरोपों का खंडन किया है. लड़की ने आरोप लगाया कि कांस्टेबल प्रवीण कुमार और थाना प्रभारी ने उनकी शिकायत पर कार्रवाई करने के बजाय उत्पीड़न का सबूत मांगा. पुलिस उपाधीक्षक (मुसाफिरखाना) अतुल कुमार सिंह ने कहा, "हमें घटना की जानकारी मिली है. मौके पर पुलिस बल तैनात है. घायल व्यक्ति रंजीत को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. औपचारिक शिकायत मिलते ही दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी."
लापरवाही के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर जगदीशपुर थाना प्रभारी धीरेंद्र यादव ने पीटीआई को बताया कि इस मामले शिकायत दर्ज की गई थी, लेकिन मामले की जांच की गई तो प्रथम दृष्टया शिकायतकर्ताओं द्वारा लगाए गए आरोप झूठे पाए गए. पुलिस ने हमले के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ पूरी जांच और सख्त कानूनी कार्रवाई का आश्वासन दिया है. पुलिस उपाधीक्षक खुद इस मामले की देखरेख कर रहे हैं. इस घटना से लोगों में पुलिस के खिलाफ गुस्सा है.