हरियाणा सरकार बलिदानी सैनिकों व अर्धसैनिक बलों के जवानों के आश्रितों को अब एक करोड़ रुपये मुआवजा देगी
चंडीगढ़
हरियाणा सरकार बलिदानी सैनिकों व अर्धसैनिक बलों के जवानों के आश्रितों को अब एक करोड़ रुपये मुआवजा देगी। इसके अलावा हिंदी आंदोलन के मातृ भाषा सत्याग्रहियों को हर महीने 20 हजार रुपये पेंशन दी जाएगी। फरीदाबाद के हीरापुर गांव के बलिदानी पुलिस सब इंस्पेक्टर जयभगवान की पत्नी कमलेश शर्मा को 200 वर्ग गज का प्लाट दिया जाएगा।
अभी तक दी जाती थी 50 लाख की सहायता
मुख्यमंत्री नायब सैनी की अध्यक्षता में शनिवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसले लिए गए। अभी तक प्रदेश में बलिदानी सैनिकों के आश्रितों को 50 लाख रुपये सहायता राशि प्रदान की जाती थी। इस राशि को बढ़ाने को लेकर पूर्व में घोषणा हो चुकी है, जिसे अब लागू कर दिया गया है। इसी तरह हिंदी आंदोलन के सत्याग्रहियों को मिलने वाली 15 हजार रुपये मासिक पेंशन में पांच हजार रुपये की बढ़ोतरी की गई है।
बलिदान एसआई की पत्नी को मिलेगा 200 गज जमीन
वर्तमान में सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा 161 मातृभाषा सत्याग्रहियों या उनके जीवित पति/पत्नियों को 15 हजार रुपये मासिक पेंशन दी जा रही है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने जून में इस बढ़ोतरी का एलान किया था, जिस पर कैबिनेट में मुहर लगा दी है। इससे प्रदेश पर सालाना करीब 97 लाख रुपये का अतिरिक्त खर्च बढ़ेगा। इसके अलावा 12 दिसंबर 1995 को आतंकवाद विरोधी कार्रवाई के दौरान बलिदान देने वाले हीरापुर निवासी जयभगवान की पत्नी कमलेश शर्मा को शामलात जमीन में से 200 गज जमीन दी जाएगी।
दयालु योजना के तहत जारी किए गए इतने करोड़ रुपये
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय परिवार सुरक्षा योजना (दयालु-वन) के तहत 3,882 लाभार्थियों के बैंक खातों में 144.73 करोड़ रुपये की राशि जारी की है। अंत्योदय परिवारों को सामाजिक-वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु या स्थायी विकलांगता के कारण वित्तीय कठिनाइयों का सामना कर रहे लोगों को सहायता प्रदान करना है।
इस पहल के तहत योजना की शुरुआत से अब तक पोर्टल के माध्यम से आवेदन करने वाले 20 हजार 399 पात्र परिवारों को एक अप्रैल 2023 से 30 जून 2024 तक 763.69 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं। यह राशि भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) प्लेटफार्म के माध्यम से सीधे उनके आधार से जुड़े बैंक खातों में स्थानांतरित की जा रही है।