January 4, 2025

हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने इस साल जितनी भी नौकरियां दी, उनमें राज्य के प्रत्येक जिले के युवाओं को नौकरियां मिली

0

चंडीगढ़
प्रतिभा को किसी दायरे में नहीं बांधा जा सकता। एक जिले और एक गांव में एक साथ कई-कई प्रतिभाएं भी हो सकती हैं। हरियाणा सरकार द्वारा तृतीय व चतुर्थ श्रेणी की नौकरियां प्रदान करने के दौरान इस बात पर पक्की मुहर लग चुकी है। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने इस साल जितनी भी नौकरियां दी, उनमें राज्य के प्रत्येक जिले के युवाओं को नौकरियां मिली हैं।

हरियाणा के हर जिले को मिली नौकरियां
किसी जिले में कम तो किसी जिले में ज्यादा। राज्य के छह जिलों के 12 गांव ऐसे हैं, जिन्होंने नौकरियां प्राप्त करने में रिकॉर्ड बना दिया। इन गांवों में कम से कम 22 और अधिकतर 44 नौकरियां मिली हैं, जो इस बात का प्रमाण है कि यदि बच्चे पढ़े लिखे और प्रतिभावान हैं तो उन्हें नौकरियां प्राप्त करने के लिए किसी राजनीतिक सिफारिश अथवा धन की जरूरत नहीं है। प्रदेश की भाजपा सरकार में 10 साल के कार्यकाल में करीब 1.50 लाख युवाओं को तृतीय व चतुर्थ श्रेणी की नौकरियां मिली हैं। हरियाणा लोक सेवा आयोग की ओर से दी जाने वाली नौकरियां अलग हैं।

2024 में 56 हजार से ज्यादा युवाओं को मिली नौकरियां
यह डेढ़ लाख नौकरियां हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की ओर से प्रदान की गई हैं। साल 2024 में 56 हजार 830 युवाओं को सरकारी नौकरियां प्राप्त करने का अवसर मिला, जबकि मौजूदा चेयरमैन हिम्मत सिंह के अब तक के दो माह के वर्किंग कार्य दिवस में 36 हजार नौकरियां प्रदान की गई हैं। विपक्ष अक्सर सरकार पर आरोप लगाता है कि बाहरी राज्यों के युवाओं को नौकरियां देने में सरकार मेहरबान है, लेकिन आंकड़े इस बता के गवाह हैं कि बाहरी राज्यों के युवाओं की अपेक्षा हरियाणा में अधिक टेलेंट है। हालांकि, किसी भी बाहरी युवा को नौकरियों के लिए आवेदन करने से नहीं रोका जा सकता, लेकिन इसके बाद भी हरियाणा की तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों में बाहरी राज्यों के सिर्फ 203 युवा ही लग पाए हैं। इनमें तृतीय श्रेणी के 137 और चतुर्थ श्रेणी के मात्र 66 युवा शामिल हैं।

सतनाली में 44 बच्चों को मिली सरकारी नौकरी
महेंद्रगढ़ का सतनाली गांव ऐसा है, जहां के एक साथ 44 बच्चों ने सरकारी नौकरियां प्राप्त की हैं। भिवानी के धनाना, दिनौंद और चांग गांव ऐसे हैं, जहां 22-22 और 27 युवाओं की नौकरियां एक साथ लगी हैं। कैथल के पाई गांव के 29 बच्चों ने एक साथ सरकारी नौकरियां प्राप्त की, जबकि इसी जिले के डीग गांव के 22 युवाओं को बिना पर्ची और बिना खर्ची के सरकारी नौकरियां मिली हैं। जींद जिले के दनौदा कलां गांव के 22, हिसार जिले के पाबड़ा गांव के 24 और बरवाला के 23 युवाओं को तृतीय व चतुर्थ श्रेणी की नौकरियां मिली हैं। फतेहाबाद जिले के भूना गांव के 26, इसी जिले के गांव गोरखपुर के 24, झज्जर जिले के गांव दूबलधन के भी 24 युवाओं को नौकरियां मिली हैं, जो इस बात की ओर इशारा कर रही हैं कि विपक्ष के भर्तिय़ों में धांधली के आरोपों में दम नहीं है।

बड़े शहरी क्षेत्रों में नौकरियों के पीछे नहीं भाग रहे युवा
हरियाणा का कोई जिला भर्तियों से वंचित नहीं रहा, लेकिन गुरुग्राम व फरीदाबाद के साथ पंचकूला जिलों के युवा सबसे कम भर्ती हुए हैं, जिसका संकेत यह माना जा रहा है कि बड़े शहरी क्षेत्रों में लोग सरकारी नौकरियों के पीछे भागने की बजाय स्वयं के रोजगार, प्राइवेट सेक्टर की नौकरियों व उद्योग धंधों पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं। नूंह जिला केंद्र सरकार के सौ महत्वाकांक्षी जिलों में शामिल है, लेकिन यहां नौकरियों की संख्या जरूर कम रही है।

    जिला -भर्ती युवा
    हिसार -2636
    भिवानी -2181
    जींद -2117
    महेंद्रगढ़ -2036
    सोनीपत -1514
    रेवाड़ी -1512
    रोहतक -1453
    झज्जर -1363
    कैथल -1229
    चरखी दादरी -990
    सिरसा -931
    फतेहाबाद -912
    पानीपत -899
    करनाल -844
    पलवल -666
    कुरुक्षेत्र -535
    गुरुग्राम -498
    यमुनानगर -465
    अंबाला -353
    फरीदाबाद -266
    मेवात -232
    पंचकूला -128

आरक्षित वर्ग को मिली नौकरियों में पूरी हिस्सेदारी
हरियाणा सरकार ने सरकारी नौकरियां प्रदान करते समय आरक्षण व्यवस्था का पूरा अनुपालन किया है। अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग ए और बी और अन्य पिछड़ा वर्ग के युवाओं को उनके हिस्से के मुताबिक पूरी नौकरियां मिली हैं। इस आरक्षण को यदि जोड़ दिया जाए तो कुल मिलाकर सामान्य श्रेणी की नौकरियों से यह हिस्सेदारी कहीं ज्यादा बन रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed