January 4, 2025

इस साल में कब-कब है एकादशी

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हिंदू धर्म में एकादशी का दिन और इसका व्रत बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. एकादशी का दिन और व्रत जगत के पालनहार श्री हरि विष्णु को समर्पित किया गया है. एकादशी पर भगवान विष्णु का पूजन और व्रत किया जाता है. हर महीने में दो एकादशी पड़ती हैं. महीने में एक एकादशी कृष्ण पक्ष और दूसरी शुक्ल पक्ष को पड़ती है.

एकादशी पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का पूजन करने वालों के घर में सुख-समृद्धि का वास रहता है. साल भर में 24 एकादशी के व्रत पड़ते हैं. सभी एकदाशी के व्रत का फल साधक को अलग-अलग प्राप्त होता है. ऐसे में आइए जानते हैं कि साल 2025 मे एकादशी के व्रत कब-कब पड़ेगें.

साल 2025 में पड़ने वाली एकादशी

    जनवरी में साल की पहली एकादशी 10 तारीख को होगी. ये पौष पुत्रदा एकादशी होगी. इसके बाद इसी महीने में 25 तारीख को षटतिला एकादशी होगी.
    फरवरी में 8 तारीख को एकादशी होगी. ये जया एकादशी होगी. इसके बाद 24 फरवरी को विजया एकादशी होगी.
    मार्च में 10 तारीख को एकादशी है. ये आमलकी एकादशी होगी. फिर 25 तारीख को पापमोचिनी एकादशी रहेगी.
    अप्रैल में 8 तारीख को एकादशी है. ये कामदा एकादशी होगी. फिर 24 अप्रैल को बरूथिनी एकादशी होगी.
    मई में 8 तारीख को एकदाशी होगी. ये मोहनी एकादशी होगी. वहीं 23 मई को अपरा एकादशी होगी.
    जून में 6 तारीख को एकदाशी होगी. ये निर्जला एकादशी होगी. 21 जून को योगिनी एकादशी रहेगी.
    जुलाई में 6 तारीख को एकादशी होगी. ये देवशयनी एकादशी होगी. 21 जुलाई को कामिका एकादशी रहेगी.
    अगस्त में 5 तारीख को एकादशी रहेगी. ये सावन पुत्रदा एकादशी होगी. 19 अगस्त को अजा एकादशी पडे़गी.
    सिंतबर में 3 तारीख को पड़ने वाली एकादशी परिवर्तिनी एकादशी होगी. 17 सितंबर को इन्दिरा एकादशी पड़ेगी.
    अक्टूबर में 3 तारीख को पापांकुशा एकादशी रहेगी. 17 अक्टूबर को रमा एकादशी पडे़गी.
    नवंबर में 1 तारीख को एकादशी रहेगी. ये देवउठनी एकादशी होगी. 15 नवंबर को उत्पन्ना एकादशी रहेगी.
    दिसंबर में 3 एकदाशी पड़ेगी. 1 तारीख को मोक्षदा, 15 को सफला और 30 दिसंबर को पौष पुत्रदा एकादशी पड़ेगी.

एकादशी का महत्व

हिंदू धर्म शास्त्रों में कहा गया है कि जो भी एकादशी पर व्रत करता है उसे पुण्य फल मिलते हैं. इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा करने पर घर में धन-धान्य की कभी कमी नहीं होती. इस दिन कभी अकेले भगवान विष्णु की पूजा नहीं करनी चाहिए. ऐसे में पूजा के फल नहीं मिलते.

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