September 23, 2024

माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित “गांधी, युवा और नए भारत की चुनौतियां” कार्यक्रम में मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित करते हुए कहा कि गांधीजी से आज के युवा को स्वालंबन की सीख लेनी चाहिए

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आज महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री जयंती के अवसर पर माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित “गांधी, युवा और नए भारत की चुनौतियां” कार्यक्रम में मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित करते हुए कहा कि गांधीजी से आज के युवा को स्वालंबन की सीख लेनी चाहिए। आज नौजवान आधी उम्र नौकरी की तलाश में और नौकरी न मिलने पर बाकी उम्र हताशा में गुजार देते हैं जबकि हमारे सामने गांधी जी का स्वावलंबन मॉडल है जिससे न केवल स्वयं आत्मनिर्भर हो सकते हैं बल्कि अपने जैसे अनेकों को रोजगार दे सकते है।
देश के दो महान विभूतियों के जयंती के अवसर पर दो महत्वपूर्ण घोषणाएं करते हुए उन्होंने कहा की देश के प्रसिद्ध पर्यावरणविद श्री अनुपम मिश्र के नाम पर पर्यावरण सम्मान और नाटक तथा थियेटर के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यों के लिए हबीब तनवीर पर राज्य स्तरीय सम्मान हमारी सरकार द्वारा प्रदान किया जाएगा।
कार्यक्रम के शुभारंभ सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. अशोक खोसला, चेयरमैन डेवलपमेंट अल्टरनेटिव दिल्ली और डॉ. विजय महाजन, चेयरमैन राजीव गांधी फाऊंडेशन दिल्ली ने राजीव गांधी युवा मितान के हजारों युवा सदस्यों को संबोधित किया और सतत विकास के विभिन्न आयामों पर विस्तार से बतलाया। अतिथियों का स्वागत संस्कृति सचिव श्री अन्बलगन पी तथा संचालक श्री विवेक आचार्य ने किया। श्री प्रदीप शर्मा, उपाध्यक्ष, राज्य योजना आयोग ने स्वागत उद्बोधन और विधायक श्री देवेन्द्र यादव ने कार्यक्रम का परिचय प्रस्तुत किया।
शहर के हृदय स्थल शहीद स्मारक भवन में आयोजित कार्यक्रम में परिचर्चा सत्र के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों से पधारे विशेषज्ञों ने युवाओं के साथ गांधी, युवा और नए भारत की चुनौतियां विषय पर बातचीत की। भारतीय सेना के पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल अरुण कुमार साहनी ने युवाओं में जोश भरते हुए कहा की आज भी गांधी के विचार उतने ही प्रासंगिक हैं जितने तब थे। सोशल मीडिया में चलने वाले अवांछित बातों में अपनी ऊर्जा नष्ट न करें और वही कार्य करें जो आपको संतोष देता है। एकम रेजोनेंस की संस्थापक एका चतुर्वेदी बैनर्जी ने आंत्रप्रिनोरशिप पर अपनी बात रखी तथा वर्धा से आईं डॉ. विभा गुप्ता, ने गांधी के जीवन दर्शन से सीख लेकर वर्तमान में कैसे कार्य करें पर अपनी बात कही। उपस्थित विद्वानों ने युवाओं के प्रश्नों और शंकाओं का समाधान भी किया। परिचर्चा सत्र में श्री गौरव गिरिजा शुक्ला ने मॉडरेटर की भूमिका का निर्वाह किया और श्री विजय मिश्र ने कार्यक्रम का संचालन सहित परिचर्चा सत्र के सार का वाचन किया।

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