बैढ़न कोतवाली थाना क्षेत्र के अंतर्गत हिर्वाह गनियारी रेलवे क्रॉसिंग के बगल में नदी में अवैध खनन का कारोबार जोरों पर
सिंगरौली
जिले के बैढ़न कोतवाली थाना क्षेत्र के रेलवे क्रॉसिंग मुक्तिधाम के बगल के नदी में खुलेआम अवैध मुरूम मिट्टी की खनन चल रहा है। रेलवे क्रॉसिंग के बगल में नदी के सीने को छल्ली कर रहे है अवैध खनन माफिया द्वारा बेखौफ तरीके से अपना कारोबार संचालित किया जा रहा है। ट्रैक्टरों की लगातार आवाजाही और उनकी तेज रफ्तार ने स्थानीय निवासियों के लिए एक बड़ी समस्या खड़ी कर दी है।
अवैध खनन पर प्रशासन द्वारा गनियारी,बलियारी,जमुना के क्षेत्र में आखिर कार्रवाई क्यों नहीं ?
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि अवैध खनन करने वाले माफिया बेखौफ होकर प्रशासन को चुनौती दे रहे हैं। ट्रैक्टरों की गड़गड़ाहट और उनकी तेज रफ्तार से ऐसा लगता है जैसे अधिकारियों को इस गतिविधि की कोई जानकारी ही नहीं है। या फिर जानबूझकर इस मुद्दे पर आंखें मूंदी जा रही हैं। यह अवैध गतिविधि जिला मुख्यालय और कोतवाली थाना क्षेत्र के इतने नजदीक हो रही है कि इसे नजरअंदाज करना लगभग असंभव है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या प्रशासन की मिलीभगत के बिना इस तरह का बड़ा खेल संभव है…?
नाबालिग बच्चों के हाथों ट्रैक्टर की कमान बड़े हादसे को आमंत्रण
स्थानीय लोगों के मुताबिक, अवैध खनन में इस्तेमाल किए जाने वाले जीसीबी व ट्रैक्टर अक्सर नाबालिग बच्चों द्वारा चलाए जाते हैं। इन ट्रैक्टरों की तेज रफ्तार और लापरवाही बड़े सड़क हादसों को न्योता दे रही है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि इन ट्रैक्टरों के कारण कई बार सड़क पर हादसे होते-होते बच चुके हैं। मौजूदा स्थिति पर स्थानीय प्रशासन की चुप्पी चिंता का विषय है। इस अवैध गतिविधि के चलते क्षेत्र में कानून-व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। अधिकारियों के पास शिकायतें पहुंचने के बावजूद इस मामले पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। ऐसे में स्थानीय जनता का विश्वास प्रशासन से उठता हुआ नजर आ रहा है।
अवैध खनन से न केवल सरकारी राजस्व का नुकसान हो रहा है, बल्कि यह क्षेत्र की सुरक्षा के लिए भी खतरा बन गया है। स्थानीय निवासियों ने मांग की है कि इस अवैध गतिविधि पर तुरंत रोक लगाई जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। जिसे की सिंगरौली के गनियारी क्षेत्र में चल रहा अवैध मुरूम खनन और प्रशासन की उदासीनता पर कई सवाल खड़े कर राहें है क्या जिम्मेदार अधिकारी इस अवैध कारोबार के पीछे छिपे खेल को उजागर करेंगे, या फिर जनता को प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ेगा? यह समय की मांग है कि इन सवालों का जवाब दिया जाए और अवैध गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।