शेयर बाजार: लिस्ट होंगे क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, सरकार ने जारी की गाइडलाइंस
नई दिल्ली
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों या आरआरबी (Regional Rural Banks) के लिए सरकार ने ड्राफ्ट गाइडलाइंस जारी किए हैं जिन पर खरा उतरने वाले इस श्रेणी के बैंक शेयर बाजार में लिस्ट होकर फाइनेंशियल रिसोर्सेज जुटा सकेंगे. इन गाइडलाइंस के मुताबिक, आरआरबी के पास बीते 3 साल के दौरान कम-से-कम 300 करोड़ रुपये की नेट वर्थ होनी चाहिए और इस दौरान उनकी कैपिटल ऐडक्वसी (Capital Adequacy) भी 9 फीसदी के न्यूनतम रेगुलेटरी लेवल से अधिक होनी चाहिए.
न्यूनतम 15 करोड़ रुपये का ऑपरेटिंग प्रॉफिट जरूरी
वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी ड्राफ्ट गाइडलाइंस में कहा गया है कि शेयर बाजार में लिस्ट होने की मंशा रखने वाले आरआरबी का प्रॉफिट अर्जित करने का रिकॉर्ड होना चाहिए. यह भी जरूरी है कि बीते 5 साल में से कम-से-कम 3 साल उन्हें न्यूनतम 15 करोड़ रुपये का ऑपरेटिंग प्रॉफिट कमाया हो.
अब क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के आ सकते हैं आईपीओ
ड्राफ्ट रूल्स के मुताबिक, अपना आईपीओ लाने के लिए उपयुक्त बैंक की पहचान करने की जिम्मेदारी इन ग्रामीण बैंकों के स्पांसर बैंकों पर छोड़ दी गई है. आईपीओ के लिए उपयुक्त आरआरबी का चयन करते समय स्पांसर बैंक को फंड जुटाने और खुलासा आवश्यकताओं संबंधी सेबी और आरबीआई के नियमों को भी ध्यान में रखना चाहिए.
देश मे मौजूदा समय में 43 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
गौरतलब है कि कृषि कर्ज में अहम भूमिका निभाने वाले क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ही स्पांसर करते हैं. मौजूदा समय में 43 आरआरबी हैं जिनके स्पांसर सार्वजनिक क्षेत्र के 12 बैंक हैं.
इंटरनेट बैंकिंग के नियमों में ढील का प्रस्ताव
गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने डेवलपमेंट और रेगुलेटरी पॉॉलिसीज पर अपने बयान में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के ग्राहकों के लिए इंटरनेट बैंकिंग के नॉर्म्स को आसान बनाने का प्रस्ताव दिया है. हाल ही में आरबीआई ने एक बयान में कहा था, “आरआरबी को वर्तमान में कुछ फाइनेंशियल और नॉन-फाइनेंशियल नॉर्म्स को पूरा करने के बाद रिजर्व बैंक की पूर्व स्वीकृति के साथ अपने ग्राहकों को इंटरनेट बैंकिंग सुविधा प्रदान करने की अनुमति है. ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल बैंकिंग के प्रसार को बढ़ावा देने की जरूरत को ध्यान में रखते हुए आरआरबी के लिए इंटरनेट बैंकिंग प्रदान करने के लिए पात्र होने के नॉर्म्स को युक्तिसंगत बनाया जा रहा है.”