January 14, 2025

बिहार-मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने की मधुबनी जिले की विकास योजनाओं की समीक्षा, ‘जब काम करने का मौका दिया, तब से स्थिति बदली’

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पटना.

प्रगति यात्रा के दूसरे चरण के दौरान आज मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने मधुबनी जिले में चल रही विकासात्मक योजनाओं के संबंध में झंझारपुर प्रखंड के अररिया संग्राम स्थित मिथिला हाट में समीक्षात्मक बैठक की। समीक्षात्मक बैठक में मधुबनी जिला के जिलाधिकारी श्री अरविंद कुमार वर्मा ने मधुबनीजिले के विकास कार्यों का प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि जब बिहार के लोगों ने हमलोगों को काम करने का मौका दिया,तब से बिहार की स्थिति बदली है। हर क्षेत्र में विकास के काम किए जा रहे हैं। किसी केसाथ कोई भेदभाव नहीं किया गया है। हमलोग मिलकर लगातार बिहार को आगे बढ़ा रहे हैं।वर्ष 2006 से हमलोगों ने कब्रिस्तानों की घेराबंदी शुरू कराई। अब तक 8 हजार से अधिककब्रिस्तानों की घेराबंदी करा दी गई है और 1247 कब्रिस्तानों को चिह्नित किया गया है,जिसमें 746 कब्रिस्तानों का काम लगभग पूरा हो गया है और शेष बचे कब्रिस्तानों की घेराबंदीकराई जा रही है। हमलोगों ने देखा कि मंदिरों से मूर्ति चोरी की घटनाएं हो रही हैं। इसकोदेखते हुए मंदिरों की चहारदीवारी के निर्माण का निर्णय लिया गया ताकि मंदिरों में चोरी कीघटनाएं न हों। मुख्यमंत्री ने कहा कि संपूर्ण बिहार में विकास का काम हमलोग करा रहे हैं।बिहार का कोई भी इलाका विकास से अछूता नहीं है। हमलोगों ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क,पुल-पुलिया के निर्माण का काम बड़े पैमाने पर कराया है, जिसके कारण बिहार के किसी भीकोने से पहले 6 घंटे में लोग पटना पहुंचते थे, अब उसे घटाकर 5 घंटे किया गया है। इसकेलिए हर प्रकार से काम किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006 से सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के लिएपोशाक योजना की शुरुआत की गई। वर्ष 2009 से लड़कियों के लिए साइकिल योजनाचलायी गयी। बड़े पैमाने पर नियोजित शिक्षकों की बहाली, स्कूल भवनों का निर्माण कराकरशिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने का प्रयास किया गया है। बड़ी संख्या में सरकारी शिक्षकों कीबहाली की जा रही है। नियोजित शिक्षकों को परीक्षा के माध्यम से सरकारी मान्यता प्रदान कीजा रही है। पहले काफी कम संख्या में लड़कियां पढ़ने जाती थीं। लड़कियों को जबसाइकिल दी गई तो वे स्कूल समय पर जाने लगीं और साथ ही शाम में अपने माता-पिताको भी बाजार ले जाती हैं, यह दृश्य काफी अच्छा लगता है।

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