BCCI ने बनाए सख्त नियम सभी क्रिकेटर टीम बस में ही चलेंगे, मैनेजर VVIP बॉक्स में नहीं बैठेंगे… पत्नियों के लिए भी सख्त नियम
मुंबई
ऑस्ट्रेलिया से हार के बाद BCCI (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) ने बड़ा फैसला किया है. अब क्रिकेटर के परिवार के लिए सख्त नियम बनाए गए हैं. नए नियमों के तहत अगर कोई टूर्नामेंट 45 या उससे ज्यादा दिनों का है तो परिवार को खिलाड़ियों के साथ सिर्फ 14 दिन रहने की इजाजत होगी, और अगर टूर इससे कम दिनों का है तो यह 7 दिन हो सकता है.
वहीं नए नियमों के तहत पूरे टूर्नामेंट के दौरान पत्नियां खिलाड़ियों के साथ नहीं रह सकतीं हैं. परिवार सिर्फ 2 सप्ताह तक साथ रह सकता है. सभी खिलाड़ियों को टीम की बस में यात्रा करनी होगी.
वहीं गौतम गंभीर के निजी मैनेजर को भी VIP बॉक्स या टीम बस में बैठने की इजाजत नहीं होगी. उन्हें किसी दूसरे होटल में रहना होगा. अगर खिलाड़ियों का सामान 150 किलो से ज्यादा है तो BCCI खिलाड़ियों को दिए जाने वाले अतिरिक्त सामान शुल्क का भुगतान नहीं करेगा.
ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में खराब प्रदर्शन के बाद भारतीय टीम इंग्लैंड से पहले टी20 और फिर वनडे सीरीज खेलेगी. उसके बाद फरवरी माह में उसे चैम्पियंस ट्रॉफी में हिस्सा लेना है.
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारत का रहा बुरा हाल
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हाल ही में संपन्न पांच मैचों की बॉर्डर गावस्कर टेस्ट सीरीज में टीम इंडिया को 1-3 से शर्मनाक हार झेलनी पड़ी. इस वजह से भारतीय टीम वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के लिए भी क्वालिफाई नहीं कर पाई थी. यही वजह थी कि भारतीय टीम पहली बार वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के तीन सीजन में में पहली बार डब्ल्यूटीसी फाइनल के लिए क्वालिफाई करने में विफल रहा था.
रोहित शर्मा की अगुआई वाली भारतीय टीम ने एक दशक बाद बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (BGT) गत रविवार को ऑस्ट्रेलिया के सामने सरेंडर कर दी. इससे पहले टीम इंडिया को न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू मैदान पर 0-3 से हार का सामना करना पड़ा था. इन दो झटकों के कारण ही भारत वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल खेलने से चूक गया.
कोहली ने BGT के 5 टेस्ट मैचों में 190 रन 23.75 के एवरेज से बनाए. वहीं रोहित शर्मा का तो बल्ले से बहुत ही बुरा हाल रहा. रोहित शर्मा ने 3 मैचों में महज 31 रन 6.20 के साथ बना पाए.
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में दिखी टीम की कमजोरियां
हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ BGT में 3-1 से मिली हार में एक चीज तो साफ तौर पर नजर आई कि भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी 'रेड बॉल' के आगे कमजोर पड़ जाते हैं. शॉट सेलेक्शन लापरवाही बरती गई, नतीजतन ऋषभ पंत बार-बार जोखिम भरे स्ट्रोक खेलकर आउट हो रहे थे. बल्लेबाज बार-बार एक ही गलती कर रहे थे. कोहली ऑफ-स्टंप के बाहर की गेंदों को नहीं खेल पा रहे थे. गेंदबाज लंबे स्पैल फेंकने के लिए तैयार नहीं थे.
सिराज अक्सर लय खो रहे थे और हर्षित राणा तेजी बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रहे थे. कुल मिलाकर खिलाड़ियों में टेस्ट को नेचर का अपनाने की कमी नजर आई. गिल क्रीज से बाहर निकलकर कोशिश करते दिखे. वहीं रोहित शर्मा अपनी पारी की शुरुआत में स्ट्रोक लगाते दिखे.