राजभर ने द्रौपदी मुर्मू को किया समर्थन का ऐलान
लखनऊ
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मिलकर लड़ने वाले सपा प्रमुख अखिलेश यादव और सुभासपा के ओम प्रकाश राजभर के बीच दोस्ती की खाई गहराती जा रही है. बीजेपी से बगावत कर सपा के साथ आए ओपी राजभर इन दिनों सियासी उलझन में हैं. ऐसे में राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू और विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के बीच शह-मात के खेल में राजभर ने शुक्रवार को अपना पत्ता खोल दिया. अब सवाल उठ रहा है कि क्या राजभर राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू को समर्थन कर बीजेपी के साथ एक बार फिर से ताल से ताल मिलाकर चलेंगे?
विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा जब वोट मांगने लखनऊ आए तो शिवपाल और राजभर दोनों की अनदेखी की गई। अखिलेश यादव ने रालोद नेता जयंत चौधरी को फोन किया लेकिन ओम प्रकाश राजभर को नहीं बुलाया। बाद में राजभर ने कहा कि ऐसा लगता है कि अखिलेश को अब उनकी जरूरत नहीं है। हालांकि राजभर अभी भी अखिलेश के साथ गठबंधन में हैं।
विधानसभा चुनाव से पहले अखिलेश यादव ने जाति आधारित छोटी पार्टियों से गठजोड़ कर मजबूत गठबंधन बनाया था। हाल के घटनाक्रम से पता चलता है कि गठबंधन टूटने की ओर बढ़ रहा है। विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के तुरंत बाद अखिलेश यादव के चाचा और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव और महान दल के तत्कालीन अध्यक्ष केशव देव मौर्य के साथ रिश्ते खराब हुए। जहां केशव मौर्य ने सपा से नाता तोड़ लिया, वहीं शिवपाल यादव से भी बातचीत लगभग बंद हो गई। अब एसबीएसपी प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने भी सपा से अलग होने के संकेत दिए हैं। भले ही शिवपाल और राजभर अभी अखिलेश के साथ हैं लेकिन इस गठबंधन में विवाद शुरू हो गए हैं।