स्पाइसजेट के शेयर बन गए रॉकेट , दर्ज की गई 9 फीसद की अधिकतम उछाल
नई दिल्ली
स्पाइसजेट के शेयरों में गुरुवार को जबरदस्त तेजी आई। सकारात्मक नोट पर व्यापार शुरू करने के बाद स्पाइसजेट के शेयरों में जोरदार कारोबार होने लगा और स्टॉक बीएसई पर 9.23 प्रतिशत बढ़कर 42 रुपये हो गया। कंपनी को संशोधित ईसीएलजीएस (आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना) के तहत अतिरिक्त 1,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है। इस रिपोर्ट के बाद कंपनी के शेयर उछल गए। 9 फीसद चढ़ने के बाद स्पाइसजेट के शेयर बाद में टूटने शुरू हो गए और खबर लिखे जाने तक इसमें 5.59% की तेजी देखी जा रही थी। लेकिन हाल में स्पाइसजेट की हालत को देखते हुए यह एक अच्छा स्तर कहा जा सकता है।
क्रेडिट गारंटी स्कीम के बाद उछले शेयर
एयरलाइन के सूत्रों ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि स्पाइसजेट को संशोधित ईसीएलजीएस के हिस्से के रूप में अतिरिक्त 1,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है। ईसीएलजीएस से स्पाइसजेट को मदद मिलने की उम्मीद है, जो पिछले कुछ समय से कई तरह की परेशानियों का सामना कर रही है। स्पाइसजेट ने जून तिमाही में 789 करोड़ रुपये और मार्च 2022 को समाप्त तिमाही में 458 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया था। इसके बाद कंपनी को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
संकट में है स्पाइसजेट
स्पाइसजेट के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अजय सिंह ने कहा कि जिस गति और तत्परता के साथ विमानन और वित्त मंत्रालय एयरलाइनों के सामने आने वाले मुद्दों और समस्याओं को उठा रहे हैं, वह उल्लेखनीय है। खासकर तब, जब तेल की ऊंची कीमतों के कारण संकट दिन पर दिन गहरा रहा है। उन्होंने कहा, 'मैं सरकार से एक बार फिर जीएसटी के तहत एविएशन टर्बाइन फ्यूल को शामिल करने के लिए अनुरोध करता हूं। यह पूरे क्षेत्र के लिए गेम चेंजर होगा।
इन विमान कंपनियों के शेयर भी चढ़े
एनएसई पर स्पाइसजेट का शेयर सबसे अधिक 9 प्रतिशत बढ़कर 42 रुपये पर पहुंच गया, जबकि जेट एयरवेज 4 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 99.6 रुपये हो गया। इंडिगो के शेयर की कीमत 1 फीसदी बढ़कर 1875.55 रुपये हो गई।
सरकार की क्रेडिट गारंटी स्कीम का मिल रहा फायदा
बुधवार को वित्त मंत्रालय ने COVID महामारी के फैलने के बाद संकट में पड़े एविएशन उद्योग को राहत देने के लिए ऋण सीमा को 400 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1,500 करोड़ रुपये तक कर दिया था। यह सहायता आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ECLGS) के तहत दी जाएगी।