उत्तर कोरिया के मिसाइल लॉन्च को भारत ने वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए घातक बताया
नई दिल्ली
उत्तर कोरिया ने मंगलवार को अब तक की सबसे लंबी दूरी तय करने वाली बैलेस्टिक मिसाइल लॉन्च की. यह मिसाइल जापान के ऊपर से गुजरते हुए प्रशांत महासागर के अमेरिकी क्षेत्र वाले गुआम में जाकर गिरी. पिछले पांच साल में यह पहली बार है जब उत्तर कोरिया ने जापान के ऊपर से मिसाइल दागी है. 25 सितंबर के बाद से उत्तर कोरिया सात बैलेस्टिक मिसाइल लॉन्च कर चुका है. उत्तर कोरिया ने पिछले एक साल में 35 से ज्यादा मिसाइलें लॉन्च की हैं.
वैश्विक शांति और सुरक्षा प्रभावित होगा
उत्तर कोरिया के मिसाइल लॉन्च के बाद अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के साथ आते हुए भारत ने कहा कि हम इस मिसाइल लॉन्च की कड़ी निंदा करते हैं. इस तरह के बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च से उस क्षेत्र के साथ-साथ वैश्विक शांति और सुरक्षा पर प्रभाव पड़ेगा. संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने बुधवार को डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (Democratic People’s Republic of Korea) को लेकर सुरक्षा परिषद के बैठक में कहा कि उत्तर कोरिया द्वारा बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण की चिंताजनक खबरें हमारे संज्ञान में है. उत्तर कोरिया ने इससे पहले भी मार्च में बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च की थी जिसको लेकर काउंसिल ने विस्तार से चर्चा की थी.
भारत समेत 11 देशों का समर्थन
संयुक्त राष्ट्र की ब्रांड एंबेसडर लिंडा थोमस ग्रीनफील्ड ने अल्बानिया, ब्राजील, फ्रांस, इंडिया, आयरलैंड, जापान, नार्वे, दक्षिण कोरिया, संयुक्त अरब आमीरात, यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका की ओर से संयुक्त बयान जारी किया गया. बयान में कहा गया है कि चार अक्टूबर को डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया की ओर से लॉन्च की गई बैलिस्टिक मिसाइल जापान के ऊपर से गुजरी है, हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं. बयान के अनुसार 25 सितंबर के बाद से उत्तर कोरिया सात बैलिस्टिक मिसाइल का प्रक्षेपण कर चुका है. सिर्फ इस साल उत्तर कोरिया 35 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइल का प्रक्षेपण कर चुका है.
वैश्विक व्यवस्था को कमजोर करना बर्दाश्त नहीं
संयुक्त बयान में कहा गया है कि इस तरह के मिसाइल परीक्षण सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन है. ये सिर्फ उस क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व समुदाय की सुरक्षा और शांति के लिए खतरा है. 11 देशों ने संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा कि उत्तर कोरिया ने अप्रैल और सितंबर में अपने इरादे स्पष्ट कर दिए थे, जब उसके नेता ने परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों में तेजी लाने का संकेत दिया था. अमेरिकी राजदूत ने कहा कि संयुक्त बयान में शामिल सभी देश कूटनीति के लिए प्रतिबद्ध हैं और उत्तर कोरिया से बातचीत पर लौटने की अपील करते हैं. थॉमस ग्रीनफील्ड ने कहा अगर उत्तर कोरिया वैश्विक व्यवस्था को कमजोर करने और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को धमकी देने का काम करता रहेगा तो हम चुप नहीं रहेंगे. ग्रीनफील्ड ने सदस्य देशों से सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों को पूरी तरह से लागू करने का आह्वान किया गया है.
गुटेरस ने कड़ी निंदा की
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटिनियो गुटेरस ने कड़ी निंदा करते हुए कहा कि, उत्तर कोरिया का यह प्रक्षेपण सुरक्षा प्रस्तावों का उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया द्वारा अंतरराष्ट्रीय उड़ान या समुद्री सुरक्षा के लिए किसी भी प्रकार से विचार नहीं करना गंभीर चिंता का विषय है. गुटेरस ने कोरियाई द्वीप में शांति स्थापित करने के लिए उत्तर कोरिया से कूटनीति स्तर से बातचीत करने का आग्रह किया.
कोरियाई प्रायद्वीप में शांति के लिए भारत का समर्थन जारी रहेगा
कोरियाई प्रायद्वीप में शांति और सुरक्षा की दिशा में भारत की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए भारतीय प्रतिनिधि कंबोज ने कहा, कोरियाई प्रायद्वीप में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारे सामूहिक हित में है. हम कोरियाई प्रायद्वीप में मुद्दों को हल करने के लिए बातचीत और कूटनीति का समर्थन जारी रखेंगे. संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा, इस तरह के मिसाइल लॉन्च सुरक्षा परिषद द्वारा डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया से संबंधित प्रस्तावों का उल्लंघन है. भारत सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों पर अमल करने पर जोर देता है. इस तरह के प्रक्षेपण भारत समेत विश्व की सुरक्षा और शांति को प्रभावित करते हैं. कंबोज ने कहा पूरा दक्षिण क्षेत्र पहले से ही मौजूदा भू-राजनीतिक स्थिति और संबंधित चुनौतियों से प्रभावित है. इसलिए शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए सभी प्रयास जारी रखना महत्वपूर्ण है.